आवाज़ जनादेश / न्यूज़ ब्यूरो शिमला
मुख्यमंत्री की गैरमौजूदगी में गुरुवार को उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा सदन में आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 पेश किया। यह रिपोर्ट प्रदेश सरकार के आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग की ओर से तैयार की गई है। जानकारी अनुसार अग्रिम अनुमानों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए प्रचलित भावों पर हिमाचल प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 2,32,185 करोड़ होने का अनुमान है जोकि वित्तीय वर्ष 2023-24 में 2,10,662 करोड़ था। जोकि वित्तीय वर्ष 2023-24 के प्रथम संशोधित के 9.9 प्रतिशत के समकक्ष वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 10.2 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि दर प्रदर्शित करता है।
प्रति व्यक्ति आय में 9.6 प्रतिशत की वृद्धि
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए प्रचलित भावों पर प्रति व्यक्ति आय वित्त वर्ष 2023-24 में 2,34,782 की तुलना में 2,57,212 अनुमानित है, जो 9.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। इस तरह प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय में 22,430 रुपये बढ़ी है।रिपोर्ट के अनुसार राज्य के प्रति व्यक्ति आय में 2011-12 में 87,721 से 2024-25 में 2,57,212 की बढ़ोतरी हुई है, जोकि 2011-12 की तुलना में 8.6 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर दर्शाती है।
वास्तविक जीएसडीपी 1,46,553 करोड़ अनुमानित
वर्ष 2024-25 के अनुसार स्थिर (2011-12) भावों या वास्तविक जीएसडीपी 1,46,553 करोड़ अनुमानित है, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 में यह 1,37,320 करोड़ थी और यह 2023-24 के 6.6 प्रतिशत की समकक्ष वर्ष 2024-25 के लिए 6.7 प्रतिशत वृद्धि दर प्रदर्शित करता है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जीएसवीए के आधार पर तृतीयक क्षेत्र का प्रचलित मूल्यों पर राज्य के जीएसवीए में 45.3 प्रतिशत भाग है, इसके बाद द्वितीयक क्षेत्र का 39.5 प्रतिशत और प्राथमिक क्षेत्र का 15.2 प्रतिशत योगदान आता है। वित्त वर्ष 2024-25 के अनुसार प्राथमिक क्षेत्र से जीएसवीए 3.2 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ स्थिर मूल्यों पर वित्त वर्ष 2023-24 में आरएस 16,116 करोड़ की तुलना के 16,625 करोड़ अनुमानित है।
द्वितीयक क्षेत्र के जीएसबीए में 8.1 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद
वित्तीय वर्ष 2024-25 के अनुसार द्वितीयक क्षेत्र का जीएसबीए स्थिर (2011-12) मूल्यों पर वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए आरएस 60,238 करोड़ के मुकाबले 65,134 करोड़ अनुमानित है, जिसमें पिछले वर्ष की तुलना में 8.1 प्रतिशत वृद्धि दर दर्ज होने की आशा है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के अनुसार सेवा क्षेत्र का जीएसवीए स्थिर (2011-12) भावों पर 56,654 करोड़ अनुमानित है, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 में यह 53.481 करोड़ था, जो पिछले वर्ष की तुलना में 5.9 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्शाता है।
कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र
पिछले कुछ वर्षों में राज्य की अर्थव्यवस्था में प्राथमिक क्षेत्र के योगदान में निरंतर वृद्धि हुई है। वर्तमान मूल्यों पर जीएसवीए में कृषि और संबद्ध क्षेत्र का योगदान 2020-21 में 20,838 करोड़ से 53 प्रतिशत बढ़कर अग्रिम अनुमान 2024-25 के अनुसार 31,879 करोड़ हो गया है। 2020-21 से 2024-25 के बीच (2020-21 में 12.341 करोड़ से 2024-25 में 21,912 करोड़) प्रचलित मूल्यों पर फसलों के जीएसवीए में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। जीएसवीए में फसल क्षेत्र का योगदान इसी अवधि में 78 प्रतिशत बढ़ गया है। अग्रिम अनुमान के अनुसार, कृषि और संबद्ध क्षेत्र जीएसवीए में वित्त वर्ष 2024-25 में स्थिर मूल्यों पर 3.07 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 में 2.63 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की गई थी। वित्त वर्ष 2024-25 में पशुधन उपक्षेत्र का योगदान कुल जीएसवीए का 1.36 प्रतिशत और कृषि और संबद्ध क्षेत्र जीएसवीए का 9.24 प्रतिशत है। पशुधन उप क्षेत्र की वृद्धि दर 2024-25 में 52 प्रतिशत हो गई है।
विनिर्माण क्षेत्र में 7.1 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान
उद्योग क्षेत्र राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और हिमाचल में रोजगार की अत्यधिक संभावनाएं पैदा करने के लिए महत्वपूर्ण है। 2024-2025 अग्रिम अनुमान के अनुसार औद्योगिक क्षेत्र का (खनन और उत्खनन सहित) कुल जीवीए (प्रचलित भावों में) 86,695 करोड़ अनुमानित है। खनन और उत्खनन सहित का योगदान वित्तीय वर्ष 2024-25 में 40 प्रतिशत है, जिसमें 26.19 प्रतिशत विनिर्माण से 7.68 प्रतिशत निर्माण तथा 5.66 प्रतिशत बिजली, जल आपूर्ति और अन्य उपयोगिता सेवाओं से आता है। प्रदेश में वित्त वर्ष 2024-25 में औद्योगिक क्षेत्र का जीएसवीए 8.1 प्रतिशत बढ़ने की आशा है और इसी अवधि के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर औद्योगिक क्षेत्र का जीवीए स्थिर भावों पर 6.5 प्रतिशत बढ़ा है। वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान, विनिर्माण क्षेत्र में 7.1 प्रतिशत की वृद्धि होने की आशा है जो उद्योग क्षेत्र में तीसरी सबसे ऊंची वृद्धि दर है। संगठित और असंगठित क्षेत्र की आय बढ़ाने के लिए और राज्य के आधारिक ढांचे का विकास करने के लिए निर्माण उप क्षेत्र का विकास महत्वपूर्ण है। निर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर उद्योग क्षेत्र में द्वितीय स्थान पर है जोकि वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान उच्चतम विकास दर जो 9.4 प्रतिशत अनुमानित है।
पर्यटकों की संख्या में इजाफा
हिमाचल प्रदेश के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में पर्यटन उद्योग का योगदान 7.78 प्रतिशत है। यह आतिथ्य, परिवहन, हस्तशिल्प और अन्य संबद्ध उद्योगों से जुड़ी गतिविधियों से प्रेरित है। पर्यटकों का आगमन किसी विशेष गंतव्य में पर्यटन की मांग के मुख्य संकेतकों में से एक है। कोविड-19 महामारी के बाद घरेलू पर्यटकों का आगमन 2020 में 32.13 लाख से बढ़कर 2021 में 56.37 लाख, 2022 में 150.99 लाख और 2023 में 160.05 लाख से बढ़कर 2024 में पूर्ण रूप से 181.24 हो गया है। इससे पता चलता है कि पर्यटकों का आगमन महामारी पूर्व स्तर पर पहुंच रहा है।
ऊर्जा
राज्य में कई जलविद्युत परियोजनाएं हैं जो इसकी नदियों की ऊर्जा का उपयोग करती हैं व क्षेत्र की बिजली आपूर्ति में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। हिमाचल प्रदेश में बड़ी संख्या में जलविद्युत संसाधन है, राज्य में पांच बारहमासी नदी घाटियों पर विभिन्न जलविद्युत परियोजनाओं के निर्माण से 24,000 मेगावाट जलविद्युत पैदा की जा सकती है जोकि राष्ट्रीय क्षमता का लगभग 25 प्रतिशत है। राज्य की कुल जलविद्युत क्षमता में से अब तक 11.290 मेगावाट का दोहन किया जाता है।
मुद्रास्फीति दर अपेक्षाकृत स्थिर
हिमाचल प्रदेश के मामले में मुद्रास्फीति दर अपेक्षाकृत स्थिर रही है। वित्त वर्ष 2023-24 की मुद्रास्फीति 5.0 प्रतिशत से घटकर वर्ष 2024-25 में 4.2 प्रतिशत हो गई। इसी समय अवधी में ग्रामीण मुद्रास्फीति 5.1 प्रतिशत से घटकर 4.4 प्रतिशत, शहरी मुद्रास्फीति 4.7 प्रतिशत से घटकर 3.3 प्रतिशत हो गई है।
सामाजिक सेवाएं
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने 115 सिविल अस्पतालों, 106 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, 585 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, 24 ईएसआई सिविल डिस्पेंसरियों और 2.114 स्वास्थ्य उप केंद्रों सहित स्वास्थ्य सुविधाओं के एक सुस्थापित नेटवर्क की उपस्थिति के साथ उपचारात्मक, निवारक और पुनर्वास सेवाएं प्रदान करने के लिए एक व्यवस्थित दृष्टिकोण अपनाया है। प्रदेश के लोगों को राज्य के भीतर और बाहर यात्री परिवहन सेवाएं हिमाचल पथ परिवहन निगम की ओर से 3,079 बसों, 110 इलेक्ट्रिक, 38 टैक्सियों, 50 इलेक्ट्रिक टैक्सियों और 12 टेंपो ट्रैवलर के बेड़े के साथ प्रदान की जा रही हैं।
रोजगार, श्रमिक जनसंख्या अनुपात पड़ोसी राज्यों से बेहतर
अवधिक श्रम बल सर्वेक्षण 2023-24 के अनुसार समस्त आयु का एलएफपीआर हिमाचल प्रदेश (60.5) के लिए, उत्तराखंड (46.2), पंजाब (43.7), हरियाणा (37.4) और समस्त भारत (45.1) से अधिक है। श्रमिक जनसंख्या अनुपात( डब्ल्यूपीआर) को नियोजित/रोजगार के लिए इच्छुक व्यक्तियों का कुल जनसंख्या में प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया जाता है। सभी आयु वर्ग में 2023-24 में हिमाचल प्रदेश का डब्ल्यूपीआर (57.2), उत्तराखंड (44.2), पंजाब (41.3), हरियाणा (36.1) और पूरे भारत (43.7) से अच्छा है।