कांगड़ा-नूरपुर-चंबा-ऊना-बिलासपुर जिला में 42 टीमों की कार्रवाई से हडक़ंप, नशे संग गाडिय़ां जब्त
आवाज जनादेश/न्यूज ब्यूरो शिमला
प्रदेश के पांच जिलों में पुलिस ने एक ड्रग माफिया के ठिकानों पर बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने कांगड़ा, नूरपुर, चंबा, ऊना और बिलासपुर जिला में एक साथ 42 जगहों पर छापामारी की है। इस कार्रवाई के लिए पुलिस की 42 टीमें गठित की गई थी। पुलिस टीम ने ड्रग तस्करी के मामलों पर निशाना साधते हुए, हिमाचल प्रदेश पुलिस ने 15 सितंबर को प्रदेश के कांगड़ा, नूरपुर, चंबा, ऊना और बिलासपुर जिला में एक समन्वित और व्यापक छापामारी अभियान चलाया। यह कार्रवाई मादक द्रव्य एवं मन प्रभावी पदार्थ अधिनियम के तहत की गई, जिसमें पहली बार राज्य में एक साथ 42 टीमों ने 42 स्थानों पर छापामारी की। इन टीमों का नेतृत्व जांच अधिकारियों और अन्य सदस्यों ने किया, जो आईजी उत्तरी क्षेत्र अभिषेक दुल्लर के नेतत्व में था।
डीजीपी अतुल वर्मा ने बताया कि इस आपरेशन के तहत कांगड़ा, नूरपुर, चंबा, ऊना और बिलासपुर जिलों के विभिन्न प्रमुख स्थानों पर छापेमारी की गई, जिसमें कांगड़ा में आठ, नूरपुर में दस, चंबा में सात, ऊना में छह और बिलासपुर में 11 जगहों पर छापामारी की गई। इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य मादक पदार्थों की जब्ती और बड़े तस्करी तंत्र को खत्म करने के लिए महत्त्वपूर्ण सबूत जुटाना, प्रमुख संचालकों की पहचान करना और उनकी संपत्तियों का पता लगाना था। डीजीपी ने बताया कि एनडीपीएस एक्ट के तहत चार मामले दर्ज किए गए है, जिसमें पांच किलोग्राम भुक्की और 25 ग्राम चिट्टा जब्त किया गया। मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल तीन वाहन जब्त किए गए, जिनमें दो वाहन चार पहिया और एक वाहन दो पहिया शामिल हैं। इसके अलावा आबकारी अधिनियम के तहत चार अन्य मामले दर्ज किए गए, जिनमें 57 लीटर अवैध शराब जब्त की गई। एक संदिग्ध का घर सरकारी भूमि पर पाया गया। इन मामलों में आठ को गिरफ्तार किया गया।
पुलिस की विशेष टीम डिजिटल उपकरणों की करेगी जांच
विशेष टीम अब तलाशी के दौरान जब्त किए गए डिजिटल उपकरणों और अन्य सामग्रियों की जांच कर रही है, ताकि इस अवैध कारोबार के अगामी एवं प्रतिगामी संबंधों का पता लगाया जा सके और प्रमुख अपराधियों की संपत्तियों का पता लगाया जा सके। मोबाइल फोरेंसिक जांच के परिणामों को भी गहराई से देखा जाएगा। ड्रग तस्करी और आदतन अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के तहत, प्रिवेंटिव डिटेंशन (निरोधक आदेश) के लिए अधिनियम के तहत पिछले दस दिनों में पुलिस मुख्यालय में आठ नए प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जो पहले स्वीकृत तीन प्रस्तावों से अधिक हैं।