बिना डॉक्टरों के सिविल अस्पताल आनी खुद हो रहा बीमार
09/07/2019
आवाज जनादेश
सहयोगी
आज तक केसरी
हिमाचल प्रदेश
आनी
चमन शर्मा
7 में से 4 डॉक्टर नहीं, 20 में से 14 स्टाफ नर्सों के पद हैं रिक्त………………..
लोगों को घण्टों लाइन में लगने के बाद जाना पड़ता रामपुर,कुल्लू या शिमला………….……..
निजी अस्पतालों में भी जाने को मजबूर हैं लोग……………..….
आनी के अलावा साथ लगते मंडी और शिमला जिला की 50 से ज्यादा पंचायतों की हजारों आबादी के स्वास्थ्य सुविधा का केंद्र आनी के सिविल अस्पताल में डॉक्टरों के 7 में से 4 पद खाली होने से मरीज बेहाल है। ओपीडी के बाहर मरीजों को घण्टों लाइन में भूखे प्यासे लगे हुए देखा जा सकता है। लेकिन इन रिक्त पदों को भरने के प्रयास होते नहीं दिख रहे ज्ञात हो कि इस अस्पताल को पहले 30 से 50 और अब 50 से 100 बिस्तरों का अपग्रेड कर दिया गया, लेकिन अस्पताल में 100 बिस्तर तो दूर, एक एक कर डॉक्टरों के पद खाली होते जा रहे हैं,जिन्हें भरने को लेकर कोई प्रयास होते नजर नहीं आ रहे । हालांकि इस बारे में विधायक किशोरी लाल सागर को भी अवगत करवा दिया गया था, लेकिन उन्होंने भी आश्वासन तो दिया मगर आनी अस्पताल को डॉक्टर मिला नहीं।सिविल अस्पताल आनी में डॉक्टरों के 7 में से 4 पद खाली पड़े हैं। जिनमे से सप्ताह के 7 दिनों में यही 3 डॉक्टर दिन में सैंकड़ों मरीजों को ओपीडी में देखने के बाद नाइट ड्यूटी दे रहे हैं। जबकि इंडोर मरीजों की देखभाल के जिम्मा भी सम्भाले हुए हैं। बिना पर्याप्त डॉक्टरों के यह अस्पताल खुद बीमार पड़ चुका है जबकि लगातार ड्यूटी दे रहे डॉक्टर बीमार पड़ने की कगार ओर हैं। फलस्वरूप ओपीडी के बाहर मरीजों को लम्बी कतारों में अपने इलाज के इंतजार में खड़े देखा जाना आम बात है। कई मरीज चेक अप करवाने के लिए घर से भूखे पेट आ रहे हैं और लम्बी कतार में खड़े होकर दिन बीत रहा है, लेकिन डॉक्टरों की कमी के कारण उनकी इलाज की बारी नहीं आ पा रही। लेकिन रिक्त पड़े पदों को भरने को लेकर कोई प्रयास नहीं किये जा रहे हैं। जिसके लोगों को अपना इलाज करवाने निजी अस्पतालों या फिर रामपुर, कुल्लू या शिमला के अस्पतालों के धक्के खाने पड़ रहे हैं। जबकि गरीब लोगों को इसी अस्पताल में अपनी बारी का इंतज़ार करना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि विधानसभा चुनावों से पहले विपक्ष में बैठकर भाजपा के पदाधिकारी और नुमाइंदे बार बार अस्पताल के चक्कर लगाकर समस्याएं पूछते थे और कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोलते रहे वे आज अस्पताल के आसपास फटकते भी नजर नहीं आते।
4 डॉक्टर और 14 स्टाफ नर्सों के पद हैं खाली
प्रतिदिन 110 से ज्यादा आउट डोर ओपीडी और प्रतिदिन करीब 10 इंडोर रोगियों की ओपीडी वाले आनी के सिविल में डॉक्टरों के 7 में से 4 पद तो खाली हैं ही साथ मे स्टाफ नर्स के 20 में से 14 पद भी रिक्त पड़े हैं। जबकि फार्मासिस्ट के 2,रेडियोग्राफर का 1,वार्ड सिस्टर के 3,मेल हेल्थ सुपरवाइजर और फीमेल हेल्थ सुपरवाइजर के एक – एक, कंप्यूटर ऑपरेटर का एक मैट्रन का एक , डेंटल मैकेनिक का एक , ड्राइवर के दो और स्वीपर के दो पद भी खाली पड़े हैं। ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि आनी के इस केंद्र अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने को लेकर सरकार कितनी उदासीन है। क्योंकि हाल ही में प्रदेश के पीएचसी,सीएचसी,सिविल अस्पतालों में 4 दर्जन के आसपास डॉक्टरों की तैनाती की गई, लेकिन आनी को एक डॉक्टर तक नहीं मिला। जिसके चलते लोगों में रोष पनपता जा रहा है।आनी की सचेत संस्था के अलावा गुलाब ठाकुर,लोभ राम, राम स्वरूप, चमन लाल, पविन्दर कुमार, जोगेंद्र सिंह, देवी सिंह, रेवती देवी, अरविंद कुमार , शीला कुमारी, मीरा कुमारी सहित सैकड़ों लोगों ने मांग की है कि भले ही आनी में 100 बिस्तर ना लगवा पाए, लेकिन सरकार को चाहिए कि आनी में डॉक्टर ऑफ मेडीसिन, बाल रोग विशेषज्ञ और स्त्री रोग विशेषज्ञों के डॉक्टर तैनात कर दिए जाएं। ताकि क्षेत्र की जनता प्रभावित न हो सके।
आनी अस्पताल में रिक्त पदों को लेकर उच्चाधिकारियों को समय समय पर अवगत करवा दिया जाता है। जिला स्तर और होने वाली बैठकों में भी स्वीकृत और रिक्त पदों पर चर्चा होती रहती है।
डॉ ज्ञान ठाकुर, बीएमओ, आनी
आनी अस्पताल के रिक्त पदों के बारे जानकारी मिली थी, आनी में डॉक्टरों के रिक्त पदों को भरने को लेकर मैं स्वयं मुख्यमंत्री से मिलूंगा किशोरी लाल सागर, विधायक ,आनी।