आबादी देह में रहने वालों को मिलेगा मालिकाना हक

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190 गांवों के 4230 से अधिक परिवारों को बांटे संपत्ति कार्ड

आवाज जनादेश/न्यूज ब्यूरो शिमला

राज्य सरकार ने आबादी देह क्षेत्रों (आबादी वाले क्षेत्रों) में लंबे समय से रह रहे लोगों को कानूनी मान्यता के साथ भूमि का मालिकाना हक प्रदान कर रही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि यह योजना प्रदेश के ग्रामीण परिदृश्य को बदलेगी। इससे हजारों परिवारों के लिए आर्थिक तरक्की के अवसर बढ़ेंगे। प्रदेश सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों के सशक्तिकरण की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम उठाते हुए स्वामित्व योजना के तहत संपत्ति कार्ड जारी कर एक परिवर्तनकारी शुरुआत की है। राजस्व विभाग की अगवाई में शुरू की गई इस योजना के प्रथम चरण में 190 गांवों के 4230 से अधिक परिवारों को संपत्ति कार्ड प्रदान किए जाएंगे। इस योजना को धरातल पर लागू करने के लिए ड्रोन से मार्किंग की गई है। अभियान के तहत प्रदेश के 15 हजार, 196 गांवों में से 13 हजार 599 आबादी देह गांवों में ड्रोन मार्किंग का कार्य पूरा कर लिया है।

भारतीय सर्वेक्षण विभाग ने इस प्रक्रिया में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हमीरपुर सहित कुल 6314 गांवों के प्रथम स्तर के 16 हजार 588 नक्शे और दूसरे स्तर के 774 गांवों के 1482 नक्शे भारतीय सर्वेक्षण विभाग से प्राप्त हो चुके हैं। इसके साथ ही हमीरपुर में 355 आबादी देह गांवों के अंतिम स्तर के नक्शे प्राप्त हो चुके हैं, इनमें संपत्ति कार्ड जारी करने की प्रक्रिया जारी है।

हमीरपुर से शुरुआत

हमीरपुर देश का पहला जिला बना है, जहां आबादी देह में परिवारों को जमीन का मालिकाना हक दिया जा रहा है। लाल डोरा(लाल लकीर) में रहने वाले परिवारों को भूमि का अधिकार मिलने से उनकी समस्याएं हल हो जाएंगी। राज्य सरकार पहले ही दिन से लोगों की सुविधा के लिए अनेक कार्य कर रही है। संपत्ति कार्ड न केवल कानूनी दस्तावेज हैं, बल्कि लाल-डोरा क्षेत्रों के निवासियों ने लंबे समय पेश आ रही मुश्किलों और मुद्दों का समाधान है।

ये सहूलियतें मिलेंगी

संपत्ति कार्ड आधिकारिक भूमि अभिलेखों तक लोगों की पहुंच को सरल बनाएंगे। इससे राजस्व कार्यालयों में बार-बार आने-जाने की जरूरत भी कम हो जाएगी। यह योजना भूमि संबंधी प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करेगी और सार्वजनिक सुविधाओं को बढ़ाएगी। स्पष्ट और कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त स्वामित्व प्रदान करके यह योजना भूमिधारकों को ऋण लेने और भूमि में निवेश करने के अवसर प्रदान करेगी। इससे न केवल व्यक्तिगत आर्थिक संभावनाओं को बल मिलेगा, बल्कि राज्य का समग्र विकास भी होगा।

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