नई दिल्लीः- (प्रदीप जैन)
डीसीपी सुश्री मोनिका भारद्वाज ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि, 4 अगस्त को उत्तरी द्वारका थाने में ककरोला से दो बहनों के गायब होने की रिपोर्ट उनके पिता ने दर्ज कराई थी। इसके बाद में दोनों बेटियों की तलाश में एन्टी ह्यूमन ट्रेफिकिंग के कर्मठ एसीपी सुरेंद्र कुमार गुलिया, इंस्पेक्टर महेश पांडे और हेडकांस्टेबल संदीप कुमार ने कई इलाकों में सर्च ऑपरेशन चलाया।
इस सर्च ऑपरेशन के बाद सुरेन्द कुमार गुलिया की टीम ने छोटी बहन को 6 अगस्त की रात कश्मीरी गेट अंतर्राष्ट्रीय बस अड्डे से सकुशल बरामद किया। जब एसीपी सुरेंद्र कुमार गुलिया की टीम ने छोटी बहन से पूछताछ की तो दिल को झकझोर देने वाला मामला सामने आया। बच्ची ने बताया कि उसकी बड़ी बहन 12वीं में थी और पिता ने उसकी पढ़ाई बंद करवा दी थी, लेकिन वो आगे पढ़ना चाहती थी। ऐसे में बड़ी बहन को लगा कि पिता छोटी बहन की भी पढ़ाई भी बंद करवा देंगे। जिसके बाद दोनों बहनों ने घर छोड़ दिया और हरिद्वार चली गईं थीं। वहां उनकी मुलाकात ऐसे दो अंजान लड़कों से हुई जो खुद नौकरी खोज रहे थे। हरिद्वार में नौकरी नहीं मिलने के बाद दोनों बहने लड़कों के साथ हरियाणा के झज्जर आ गईं।
पुलिस को बच्ची ने बताया कि जब गुजारा मुश्किल हो गया तब बड़ी बहन ने उसे घर जाने की हिदायत देते हुए कश्मीरी गेट पर छोड़ दिया। बच्ची ने अपने साथ किसी भी तरह के दुर्व्यवहार को नकार दिया जिसके बाद उसे लोकल पुलिस के हवाले कर दिया गया।
बड़ी बहन के पास कोई मोबाइल नहीं था वहा राहगीरों के फोन के जरिए अपने ट्यूशन में पढ़ने वाले सहपाठी से लगातार बात करती रहती थी। एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की टीम में अपनी जांच में उस सहपाठी तक पहुंची तो उन्हें उन नंबर्स का पता चला जिसके बाद दोनों की लोकेशन जानने के लिए नंबर को ट्रेस किया गया। इस बार जब एक नए नंबर से लड़की ने जब अपने सहपाठी को फोन किया तब पुलिस ने उस मित्र के जरिए लड़की एक अच्छी नौकरी दिलाने और रहने का ऑफर दिलवाया। लड़की ने अपने मित्र को बताया कि वो सिरसा में और जल्द ही रोहतक पहुंच जाएगी।
जिसके बाद पुलिस ने रोहतक बस अड्डे पर लड़की का इंतजार किया। बता दें कि इस दौरान पुलिस लड़की की चाची, पिता और उसके ट्यूशन के सहपाठी को भी साथ ले गई थी। किसी भी तरह की लापरवाही ना बरतते हुए पुलिस ने पहले लड़की की चाची को उसके पास भेजा, जिन्हें लड़की ने पहचानने से इंकार कर दिया। इसके बाद लड़की के पिता ने बेटी से बात की तब बेटी घर वापस आने को राजी हो गई। दोनों बेटियों की पढ़ाने और समाज में आगे बढ़ने की इस चाहत को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने अपने युवा प्रोग्राम के तहत उनकी मदद की पेशकश की है।
*एक अनोखे केस में दिल्ली पुलिस ने दो बहनों को ढूंढ कर परिवार से मिलाया*
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