आवाज़ जनादेश/ शिमला – हिमाचल सरकार की नजर अंदाजी के चलते पहाड़ी कलाकारों का दर्द छलक गया है। पहाड़ी गायकों ने आरोप लगाया कि बिना सरकार की सिफारिश से उन्हें स्टार नाइट नहीं मिल पा रही है। स्टार आबंटन को लेकर बंदरबांट चल रही है। ऐसे मे ंअधिकतर कलाकारों की अनेदखी हो रही है। यह आरोप हिमाचल आर्टिस्ट एसोसिएशन ने लगाया है। शिमला में पहाड़ी गायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि राज्य में पिछले 17 सालों से स्टार नाइट हो रही हैं, मगर इसमें कुछ लोेगों को ही महत्त्व दिया जा रहा है। करीब 20 साल हो गए हैं, मगर अभी तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है। उन्होंने आरोेप लगाते हुए कहा कि चयन प्रक्रिया में पूरी तरह से राजनीति चल रही है। चयन प्रक्रिया सचिवालय से आरंभ हो जाती है। उनका आरोप है कि राजनेताओं के चहेतों को ही इन स्टार नाइटों में मौका मिल रहा है। ऐसे में नाटी का अस्तित्त्व खतरे में आ गया है। पहाड़ी गायक पंकज ठाकुर ने कहा कि ऑडिशन के नाम पर ड्रामा चल रहा है। सरकार के पास बिजन नहीं है। हिमाचल में मेलों को 80 फीसदी बाहरी राज्यों के कलाकारों पर लुटाया जा रहा है। हिमाचल के कलाकारों को नाममात्र राशि मिल रही है। उन्होंने हिमाचल के कलाकारों को 50 फीसदी तक राशि के प्रावधान की मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि अगामी समय में इस तरह की राजनीति नहीं चलेगी। उन्होंने सरकार से मांग उठाई है कि इसकों लेकर कोई पॉलिसी बनाई जाए, ताकि हर कलाकार को समय मिल सके। एसोसिएशन ने साफ कर दिया है कि अगर मांगें पूरी नहीं हुईं, तो कलाकार गीतों के माध्यम से अपना विरोध जताएंगे। कलाकारों को आरोप है कि मुख्यमंत्री कार्यक्रमों में नाटी तो अच्छी डालते हैं, मगर उन कलाकारों का कुछ नहीं हो रहा है, जिनकी नाटी की तानों पर डांस किया जा रहा है। इसके चलते प्रदेश के कलाकारों में काफी रोष है।
हिमाचली मेलों की स्टार नाइट में हिमाचली कलाकरों की अनदेखी
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