बजट में प्राकृतिक कृषि की चर्चा हिमाचल के लिए गौरव की बात : आचार्य देवव्रत

Date:

प्राकृतिक कृषि को देश में लागू करने के प्रस्ताव का किया स्वागत

प्रधानमंत्री व वित्त मंत्री का जताया आभार

राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने केंद्र सरकार द्वारा बजट में शून्य लागत प्राकृतिक कृषि की चर्चा कर इसे देश भर में लागू करने के प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि यह हिमाचल प्रदेश के लिए गर्व की बात है कि यहां प्रदेश सरकार पहले से ही प्राकृतिक कृषि पर कार्य कर रही है और हम तेजी से प्राकृतिक कृषि राज्य की ओर बढ़ रहे हैं।

राज्यपाल आज यहां राजभवन में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने गत वर्ष करीब पौने तीन हजार किसानों को इस कृषि पद्धति के तहत लाया है और इस वर्ष 50 हजार किसानों को इसके दायरे में लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस कृषि पद्धति के जनक पद्म श्री सुभाष पालेकर के राज्य में चार बड़े शिविर आयोजित किए जा चुके हैं, जिनमें प्रत्येक में 1000 किसानों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

उन्होंने कहा कि यह ऐसी कृषि पद्धति है जो जमीन की उर्वरा शक्ति को तो बढ़ाती ही है साथ ही, पर्यावरण संरक्षण के लिए भी उपयोगी है। पानी की खपत कम होती है और इससे किसानों की आय कई गुणा बढ़ जाती है। इसे करने से देसी गाय का संवर्द्धन होगा और खाद्य पदार्थ जहरमुक्त होंगे। उन्होंने कहा कि हाल ही में बागवानी विश्वविद्यालय नौणी में आयोजित शिविर में देश के कुछ महत्वपूर्ण व्यपारियों ने प्रस्ताव दिया है कि हिमाचल में तैयार प्राकृतिक उत्पाद को डेढ़ गुणा दामों पर खरीदेंगे। इससे किसानों की आर्थिकी बढ़ेगी और वह खुशहाल होगा। उन्होंने कहा कि देश में इस कृषि पद्धति को लागू करने के प्रधानमंत्री के संकल्प में राज्य की ओर से पूर्ण सहयोग रहेगा और इस दिशा में हम प्रयत्नशील रहेंगे।

आचार्य देवव्रत ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में जिन किसानों ने इसे अपनाया है उनका अनुभव रहा है कि उनका उत्पादन भी नहीं घटा है और दाम भी अच्छे मिले हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 तक हिमाचल प्रदेश को पूर्ण रूप से प्राकृतिक कृषि राज्य बना दिया जाएगा, जो देश के लिए आदर्श स्थापित करेगा। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि यह सेब की फसल के लिए भी कारगर है। सेब के आकार व कलर स्वभाविक रूप से आता है और पेड़ स्वस्थ रहता है। उन्होंने कहा कि अब देश के कृषि वैज्ञानिक भी इस दिशा में सोचेंगे और इस पद्धति पर शोध की दिशा में आगे बढ़ेंगे।

उन्होंने कहा कि देश के अन्य राज्यों के गवर्नरों को भी इस कृषि पद्धति के प्रचार के लिए साथ जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि हाल ही में उनकी केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से भेंट हुई थी। उन्होंने कृषि मंत्रालय के अन्य अधिकारियों के साथ गुरुकुल कुरुक्षेत्र के कृषि फार्म का दौरा करने का आश्वासन दिया है, जहां पूरी तरह पिछले 10 वर्षों से प्राकृतिक कृषि की जा रही है। केंद्रीय मंत्री सितंबर में यहां किसानों के लिए तैयार किए गए निःशुल्क प्रशिक्षण केंद्र का उद्घाटन भी करेंगे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

करुणामूलक भर्ती के लिए 1 माह में बनेगी नीति, आउटसोर्स कर्मियों को पक्की नौकरी का प्रावधान

आवाज़ जनादेश / न्यूज़ ब्यूरो शिमला मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह...