डा. बिंदल ने कहा कि भारतीय शास्त्रों के अंतर्गत विभिन्न ज्ञानों की श्रृंखला मेंज्योतिष शास्त्र विद्या का भी अहम स्थान रहा है। उन्होंने कहा कि ज्योतिष विद्या के उपासक शास्त्रों केा सही तरीके से अध्ययन कर उसका उपयोग सकारात्मक रूप में करेगें तो ये अवश्य ही समाज का कल्याण होगा।
उन्होंने कहा कि इस कार्य में किसी भी आडंबर व लालच अथवा प्रलोभन न हो । व्यक्ति को इस विज्ञान का पूर्ण लाभ प्रदान करने के लिए ज्योतिषाचार्यो को सक्रिय रूप से अपनी जिम्मेवारी निभानी होगी। उन्होंने तीन दिन तक चलने वाले इस सम्मेलन में लोक कल्याण व भारतीय सनातन परम्परा को आगे बढाने के लिए सार्थक निष्कर्ष निकलने की सभांवना व्यक्त करते हुए आयोजन के लिए शुभकामनाएं दी। उन्होनें इस अवसर पर आचार्य डा. दिलीप कुमार द्वारा लिखित पुस्तक ज्योतिष एंव रोग विश्लेषण का विमोचन भी किया।
अध्यक्ष अखिल भारतीय सरस्वती ज्योतिष मंच राजीव शर्मा ने बताया कि मंच द्वारा हिमाचल प्रदेश में ये दसवंा सम्मेलन करवाया जा रहा है। मंच का उद्देश्य ज्योतिष समाज को सही दिशा देना व परस्पर संवाद से समसामायिक बिंदुओं पर चर्चा कर और अधिक ज्ञान वर्धन करना है।
इस अवसर पर विभिन्न ज्योतिषविद्ों द्वारा ज्योतिष शास्त्र के विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई। मंच संरक्षक विक्रान्त शर्मा, अजय भाम्बी, पंडित विपिन शर्मा, ओमदत, अशोक भाटिया, अक्षय शर्मा(मोगा), एम.एल. मल्होत्रा, तथा भारत भूषण भारद्वाज मंचासीन रहे जबकि बड़ी संख्या में विभिन्न क्षेत्रों से इस विद्या के जानकार उपस्थित थे।