हिमाचल प्रदेश राज्य महिला आयोग को मिला नया पहचान प्रतीक चिन्ह मुख्यमंत्री ने किया अनावरण

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हिमाचल प्रदेश राज्य महिला आयोग को नयी पहचान प्रतीक चिन्ह के रूप में मिल चुकी है हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी से सम्बन्ध रखने वाले एक ऑटो चालक के बेटे धर्मेंंद्र ने इस लोगो को तैयार किया है।  खीम दास के पुत्र धर्मेंद्र मंडी तहसील गाँव महेड डाकघर टाण्डू का रहने वाला है।
शिमला के गेयटी थियेटर में मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश महिला आयोग द्वारा राज्य स्तरीय विधिक जागरूकता कार्यक्रम एवं सशक्त महिला सम्मान समारोह में धर्मेंद्र के द्वारा बनाये गए लोगो का अनावरण किया और इस समारोह में इन्हे शाल व् टोपी पहनाकर समान्नित, प्रथम पुरस्कार स्वरूप 11000 रुपये का चेक भेंट किया। जबकि कांगड़ा जिला  के नरेंद्र कुमार की प्रविष्टि ने द्वितीय स्थान जिन्हे 5100 रुपये प्रदान किये गए। इसी कड़ी में शिमला जिला के सौरभ लारजु की प्रविष्टि तृतीय स्थान पर रही इन्हे 3100 रुपए का चेक भेंट किया गया।  सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. राजीव सैजल, नगर निगम शिम
की महापौर कुसुम सदरेट, राज्य बाला कल्याण परिषद की महासचिव पायल वैद्य, राज्य महिला आयोग की सदस्य इन्दु बाला, उपायुक्त अमित कश्यप, पुलिस अधिक्षक ओमापति जम्वाल भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
हिमाचल ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों से भी लिया था प्रतिभागियो ने हिस्सा
राज्य महिला आयोग द्वारा आयोग का अपना लोगो चयनित करने के लिए प्रदेश भर से प्रविष्टियां आमंत्रित की गई थीं।  यह एक ऑनलाइन प्रतियोगिता थी जिसमे हिमाचल ही नहीं बल्कि प्रदेश से बाहर के राज्यों से भी प्रविष्टिया प्राप्त हुई थी।  इसी के चलते प्रदेश भर से 75 प्रतिभागियों में चयनित 150 प्रविष्टियां प्राप्त हुईं। इन प्रविष्टियों का मूल्यांकन इस उद्देश्य के लिए गठित तीन सदस्यीय समिति द्वारा किया गया। जिनमे से मंडी जिला के धर्मेंद्र के लोगो को सर्वप्रथम आंका गया है जो अब हिमाचल प्रदेश राज्य महिला आयोग की पहचान बन चुका  है।
पेंटिंग का है शौक 
धर्मेंद्र को पेंटिंग का बहुत शौक है उनका  कहना है की उन्हें जब भी मौका मिलता है तो पेन या पेंसिल से कुछ ना कुछ बनाते रहते है हालांकि प्रोफेशनल लाइफ में वो पार्ट टाइम ग्राफ़िक्स डिज़ाइनाइंग करते हैं जिसकी एवज में उन्हें कुछ रुपये मिल जाते हैं। 12 वी तक की पढ़ाई मंडी के विजय हाई गवर्नमेंट स्कूल मंडी  (बॉयज) से की है , स्कूल टाइम के दौरान पेंटिंग कम्पीटीशन्स में भी पुरस्कार जीते हैं। लेकिन गरीब परिवार होने के कारण स्कूल टाइम के बाद कुछ समय पेट्रोल पंप में भी सेल्ज बॉय के रूप में कार्य किया है। वहां से कुछ पैसे इकठा किये और पिता जी से रुपये लेकर बीसीए सीटीएनटी स्टडी सेंटर मंडी से 2009 में बीसीए पास की। बीसीए पास करने के बाद जब नौकरी नहीं मिली तो कुछ समाय तक वाल पेंटिंग, वाल टैटू का कार्य भी किया।  अभी फ़िलहाल ग्राफि़क्स डिज़ाइनर पार्ट टाइम काम पार्ट टाइम कार्य कर रहे हैं।
लगभग छः दिन में तैयार हुआ लोगो
धर्मेंद्र का कहना है की उन्होंने राज्य महिला आयोग के  लोगो को तैयार करने में बहुत परिश्रम किया है इस लोगो को लगभग 75 से 80 बार रीफाइन किया है तब इस लोगो को तैयार करने में सफल हुए हैं। उन्होंने बताया की लोगो बहुत से लोगो देखे जो की महिला सशक्तिकरण की विशेषताओं को तो प्रदर्शित करते हैं परन्तु इसमें किसी राज्य की छवि प्रदर्शित नहीं होती थी।  इसलिए एक ऐसे लोगो को बनाया जो की हिमाचली छवि के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण को प्रमुखता से दर्शाता हो।  लोगो एकदम नया है। इसे बनाने में उन्हें लगभग 6 से 7 दिन का समय लगा है। लोगो दर्शाता है कि  राज्य की  महिलाये लौ बनकर पूरे हिमाचल को रौशन कर रही है और इसे सुरक्षा भी प्रदान कर रही है। जिसके नीचे सब फल फूल रहे हैं।  यही लोगो की मुख्य विशेषता है। हर एंगल से देखने पर लोगो की अनेको विशेषताएं प्रदर्शित होती है।

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