सीएम सुक्खू बोले- आईजीएमसी और टांडा मेडिकल कॉलेज को एक साल में करेंगे विकसित

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आवाज़ जनादेश / न्यूज़ ब्यूरो शिमला

हिमाचल प्रदेश विधानसभा बजट सत्र में मंगलवार को सदन की कार्यवाही 11:00 बजे शुरू हुई। 11 से 12 बजे के बीच प्रश्नकाल बगैर किसी गतिरोध के चला। प्रश्नकाल में नगरोटा बगवां के कांग्रेस विधायक रघुवीर सिंह बाली ने सदन में मेडिकल कॉलेज टांडा में मरम्मत के लिए आईजीएमसी शिमला से कम बजट जारी करने का मामला उठाया। बाली ने कहा कि मरम्मत के लिए पहले आरकेएस का बजट होता था। उन्होंने कहा कि आईजीएमसी से ज्यादा काम टांडा कॉलेज में है।

क्या आईजीएमसी शिमला के बराबर बजट मिलेगा? सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि अगर कॉलेज के शिक्षक और प्रधानाचार्य आरकेएस के माध्यम से कुछ करना चाहते हैं तो सरकार इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगी। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि एक साल के भीतर आईजीएमसी शिमला और मेडिकल कॉलेज टांडा को अच्छे से विकसित किया जाएगा। लंबे समय से टांडा मेडिकल कॉलेज में एसआर शिप का कोई पद सृजित नहीं हुआ है। यहां पर पदों का सृजन होगा।

विधायकों ने उठाया विधायक क्षेत्र विकास निधि का मामला

प्रश्नकाल में जोगिंद्रनगर के विधायक प्रकाश राणा ने विधायक क्षेत्र विकास निधि का बजट जारी नहीं करने पर सवाल किया। उन्होंने कहा कि उपायुक्त मंडी कह रहे हैं कि उनके पास सात महीने से पैसा नहीं है। अनुपूरक प्रश्न में भाजपा विधायक हंसराज ने कहा कि विधायक क्षेत्र विकास निधि बहुत ही महत्वपूर्ण है। कहा जाता है कि ऊपर से कॉल करवा लो। इस पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी अनुपूरक प्रश्न किया कि उनकी ऐच्छिक निधि की दो चिट्ठियां भेजी गईं, जब साल बीत गया तो बताया गया कि बजट नहीं आया। उन्होंने मुख्य सचिव से बात की। मगर पैसा ट्रेजरी से नहीं गया। उन्होंने मुख्य सचिव को पत्र भी लिखा। मुख्य सचिव ने कहा कि यह सही मायने में गलत हुआ है। नीचे से कह दिया गया कि यह पैसा लैप्स हो गया है। अभी पैसा नहीं मिलेगा। इसकी निगरानी करने का मैकेनिज्म बनाया जाए। वित्त विभाग से कोई निर्देश गए हैं कि ट्रेजरी से मंजूरी गई है। इस पर स्थिति स्पष्ट करें, क्या ट्रेजरी को ऐसे कोई आदेश हैं। 4 लाख 71 हजार की मेरी ऐच्छिक निधि लैप्स हो गई। इसके लिए कौन जिम्मेवार हैं।

विधायकों की निधि को रोकने के कोई निर्देश नहीं दिए: सीएम

इस पर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि ट्रेजरी में कोई भी पैसा नहीं रुका है। सीएम ने कहा कि अगर पैसा स्वीकृत नहीं किया जाता है तो ही लैप्स होता है। कई बार सेंक्शन लेट होती है। बीडीओ कार्यालय से पता करें कि क्यों पैसा खर्च नहीं हुआ है। हमने यह भी निर्देश दिए हैं कि अगर पंचायत प्रधान भी एक महीने तक पैसे को नहीं लगाता है तो उसका टेंडर लगाया जाएगा। बीडीओ की बैठक बुलाकर पता कर लें, कोई भी पैसा लैप्स नहीं होता है। सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा के 2023-24 की जयराम बात कर रहे हैं। ट्रेजरी को कोई ऐसे निर्देश नहीं गए हैं कि विधायकों की निधि को रोका जाए। अगर कहीं ऐसा है तो आप विपक्ष के नेता हैं हम इसे देखेंगे।

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