आवाज़ जनादेश / न्यूज़ ब्यूरो शिमला
हिमाचल प्रदेश में सेब से बागवानों की जेब भरी है|छोटे पहाड़ी राज्य की आर्थिकी में सेब का योगदान 5 करोड़ से अधिक है| देश में फल राज्य के नाम से मशहूर हिमाचल में सेब मौसम पर निर्भर है|प्रदेश में पिछले कई सालों से मौसम के उतार चढ़ाव का असर सेब के उत्पादन पर पड़ा है| इसका बड़ा उदाहरण पिछली साल सेब उत्पादन के लिए लगाया गया अनुमान है|लेकिन मौसम की बेरुखी की वजह प्रदेश में सेब उत्पादन अनुमान से 82 लाख पेटियां कम हुआ है|
बागवानी विभाग ने साल 2024-25 के लिए 2,91,42,800 पेटियां सेब उत्पादन रहने का अनुमान लगाया था, लेकिन मंडियों के भेजे गए आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में सेब पैदावार 2,09,43,552 हुई है|जिसकी रिपोर्ट सरकार को भेजी गई है|हालांकि,अभी इसमें MIS और सीए स्टोर के सेब का आंकड़ा शामिल नहीं है|आने वाले समय में अगर इस आंकड़े को शामिल किया जाता है तो भी अनुमान से 82 लाख कम पेटियों के आंकड़े तक पहुंचना संभव नहीं है|
सेब उत्पादन के कम होने की वजह
हिमाचल में पिछली बार सेब उत्पादन कम होने की वजह मौसम रहा है|पिछली बार सर्दियों के मौसम सामान्य से कम हुई बारिश और बर्फबारी से चिलिंग आवर्स कम रहे, जिससे पौधों में फ्लावरिंग बराबर नहीं हुई |इसका असर बाद में सेब की सेटिंग कम हुई|इसके बाद गर्मियों के सीजन में सामान्य से कम हुई बारिश हुई, जिससे जमीन में पर्याप्त नमी न रहने से सेब के साइज और क्वालिटी पर असर नजर आया|
सेब उत्पादन रोजगार का मुख्य साधन
हिमाचल में लाखों बागवान परिवारों की आर्थिक सेहत सेब उत्पादन पर निर्भर है|उत्पादन बढ़िया रहने से सेब ने हमेशा ही बागवानों की जेब भरी है| वहीं, सेब रोजगार उपलब्ध कराने का भी एक बहुत बड़ा साधन है|हजारों लोगों का रोजगार भी इससे जुड़ा है. प्रदेश सहित बाहरी मंडियों में सेब से रोजगार प्राप्त होता है, जिससे हजारों परिवारों की रोजी रोटी चलती हैं|
2.91 करोड़ सेब पेटियों था अनुमान
हिमाचल में सेब उत्पादन का 2,91,42,800 पेटियां सेब उत्पादन रहने का अनुमान लगाया गया था|इसमें सबसे अधिक सेब जिला शिमला में 1,60,99,550 पेटियां होने की संभावना जताई गई थी|प्रदेश में सबसे अधिक सेब जिला शिमला में ही होता है|वहीं, कुल्लू जिले में 62,70,600 सेब पेटियां होने की संभावना जताई गई थी. इसी तरह से किन्नौर जिले में 33,32,200 सेब की पेटियां होने का अनुमान लगाया गया था|मंडी जिले में 24,47,250, चंबा जिले में 5,98,150 पेटियां, सिरमौर जिले में भी सेब उत्पादन 3,09,400 पेटियां होने का अनुमान जताया गया था. इसके अतिरिक्त लाहौल स्पीति में 64,050, कांगड़ा में 15,000, सोलन में 4,900, बिलासपुर में 1300, हमीरपुर में 350 और ऊना जिले में सबसे कम 50 पेटियां सेब उत्पादन रहने का अनुमान लगाया गया था|
प्रदेश में कितने हेक्टेयर में बागवानी?
हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था में बागवानी का योगदान करीब 6 हजार करोड़ का है|प्रदेश में बागवानी के तहत कुल 2,36,950 हेक्टेयर पड़ता है|जिसमें सेब का हिस्सा करीब 85 फीसदी है|प्रदेश में बागवानी का लगातार विस्तार हो रहा है|हिमाचल में 2023-24 में 1,16,240 हेक्टेयर क्षेत्र में सेब के तहत आता है|इसी तरह से 27,373 हेक्टेयर में स्टोन फ्रूट के तहत है|ड्राई फ्रूट का उत्पादन 9,277 हेक्टेयर में लिए जा रहा है|सिट्रस के तहत बागवानी का 26,432 हेक्टेयर एरिया कवर होता है|प्रदेश में वर्ष 1950-51 में 400 हेक्टेयर में सेब की पैदावार होती थी, ये क्षेत्र 2023-24 में अब बढ़कर में 1,16,240 हेक्टेयर तक फैल गया है|चिंता की बात ये है कि प्रदेश में बागवानी के तहत क्षेत्र तो लगातार बढ़ रहा है,लेकिन उत्पादन में इतनी अधिक बढ़ोतरी नजर नहीं आ रही है|जिसमें पिछले कई सालों से मौसम में हो रहा बदलाव एक मुख्य कारण है|