दिवाली पर महंगाई का असर, मंदा रहा कारोबार…

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खरीददारी कम होने से यूं ही रह गया करोड़ों रुपए का सामान

आवाज जनादेश / न्यूज ब्यूरो शिमला

इस वर्ष महंगाई व दो दिन की दिवाली की तिथि को अनिश्चितता में कारोबारियों को तगड़ा झटका लगा है। लोग दो दिन की दीपावली की तिथि को लेकर कन्फूज रहे। कई लोगों ने दीपावली का पर्व 31 अक्तूबर को मनाया, तो कइयों पर पहली नवंबर को इस त्योहार की खुशियां मनाई। इन दोनों तिथियों के चक्कर में कई लोग बाजारों में खरीददारी करने नहीं पहुंच पाएं।

अगर दिवाली की बात करें, तो शहर ऊना के बाजारों में खरीददारी करने के लिए पहुंचे ग्राहकों की संख्या नाममात्र ही देखने को मिली। इससे व्यापारियों के चेहरे भी मायूस दिखे और दिनभर ग्राहकों की भीड़ उमडऩे का ही इंतजार करते रहे। महंगाई की मार के कारण भी लोग खरीददारी करने से अपने हाथ पीछे खींचते दिखाई दिए। व्यापारियों को भी इस पर्व पर अच्छी इनकम होने की लालसा रहती है, परंतु इस सीजन व्यापारी ग्राहकों का इंतजार करते रहे और लोग महंगाई की मार से खरीददारी करने बाजार ही नहीं पहुंचे। पटाखों से लेकर आभूषणों, इलेक्ट्रिक उपकरणों व गाडिय़ों सहित अन्य दुकानों में खरीददारों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई और जो खरीददार सामान लेने पहुंच रहे थे, वे भी कीमतें सुनकर कम ही सामान खरीद रहे थे।

पटाखों की कीमतों में 50 प्रतिशत वृद्धि

इस सीजन में पटाखों की कीमतों में 50 प्रतिशत तक वृद्धि देखी गई है। इस कारण लोगों ने बहुत कम पटाखों की खरीददारी की है। अगर कीमतों की बात करें तो पटाखों में वर्ष 2024 में रॉकेट 250 रुपए के 10 पीस, अनारकली 120 रुपए के 10 पीस, फुलझड़ी 90 रुपए के 10 पीस, चक्री 80 रुपए के 10 पीस व रस्सी बम 90 रुपए के 10 पीस लोगों ने खरीदें। वहीं, इस वर्ष के मुकाबले 2023 में रॉकेट 80 रुपए कम 170 रुपए में 10 बिके थे, तो अनार 40 रुपए कम 80 रुपए में, फुलझड़ी 30 रुपए कम 60 रुपए में, चक्री 10 रुपए कम 70 रुपए में और रस्सी बम 30 रुपए कम कीमत पर 60 रुपए में बिके थे।

बीते वर्ष के मुकाबले 50 प्रतिशत कम कारोबार

बीते वर्ष के मुकाबले इस वर्ष बाजारों में दिवाली पर्व पर हुए कारोबार की बात करें तो इस वर्ष 2023 के मुकाबले 50 प्रतिशत कम रहा। व्यापारियों को उम्मीद थी कि इस वर्ष कीमतों के बढऩे के बाद भी लोग दीपावली पर काफी खरीददारी करेंगे, परंतु उनकी उम्मीदों पर पानी उस समय फिर गया जब वे बढ़ी कीमतों के साथ सामान खरीदकर तो ले आएं, लेकिन बहुत कम ग्राहक खरीददारी करने बाजारों में आए।

करोड़ों रुपए का घाटा

व्यापार मंडल ऊना शहरी इकाई के प्रधान प्रिंस राजपूत ने कहा कि इस दीपावली व्यापारियों को करोड़ों रुपए का घाटा सहना पड़ा है। पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष बाजारों का कारोबार 50 प्रतिशत कम रहा है। व्यापारियों द्वारा बेचने के लिए लाया गया माल ऐसे ही दुकानों में पड़ा है। इसका कारण 40 प्रतिशत महंगाई व ऑनलाइन शॉपिंग और बड़े-बड़े शॉपिंग मॉल है। उन्होंने कहा कि इस सीजन दिवाली पर्व पर बाजारों में मंदी का आलम रहा और व्यापारियों में काफी निराशा देखने को मिल रही है।

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