आवाज जनादेश / न्यूज ब्यूरो शिमला
हिमाचल प्रदेश समेत उत्तर भारत के राज्यों में मादक पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए शिमला में रणनीति तैयार की गई। पुलिस मुख्यालय में उत्तरी क्षेत्र पुलिस समन्वय समिति की 11वीं बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता पुलिस महानिदेशक डॉ. अतुल वर्मा ने की। बैठक के दौरान मुख्य रूप से अंतरराज्यीय आतंकवादी-गैंगस्टर अपराधी गठजोड़ पर खुफिया जानकारी साझा की गई। सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों का मुकाबला करने के तंत्र, ऑनलाइन धोखाधड़ी, मानव तस्करी और पुलिसिंग में विशेष रूप से एआई के एकीकरण पर भी चर्चा की गई।बैठक में हिमाचल प्रदेश पुलिस की प्रस्तुति में पड़ोसी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, सीएपीएफ और सीपीओ के साथ साझे मुद्दों जैसे पर्यटकों से संबंधित चिंताएं, संगठित अपराध, मादक पदार्थों की तस्करी, सीमाओं को मजबूत करने पर भी चर्चा की गई। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य आपसी सहयोग को मजबूत करना, उभरती चुनौतियों का समाधान करना और उत्तरी क्षेत्र में विभिन्न पुलिसिंग मुद्दों के लिए समाधान तलाशना है।
उत्तर प्रदेश, दिल्ली, चंडीगढ़, पंजाब और आईटीबीपी के प्रतिनिधियों ने भी बैठक में प्रस्तुतियां दीं। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस विभागों का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और केंद्रीय पुलिस संगठनों के अधिकारियों ने चर्चा में भाग लिया। इस बैठक में पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, दिल्ली, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, लद्दाख, सीआईएसएफ, सीआरपीएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, एनएसजी, आरपीएफ, सीबीआई और एनआईए के पुलिस अधीक्षक से लेकर पुलिस महानिदेशक तक के प्रतिनिधि शामिल हुए।
हिमाचल की सीमाओं पर बढ़ाई जाएगी सतर्कता
उत्तरी क्षेत्र पुलिस समन्वय समिति की स्थापना वर्ष 2015 में डीजी, आईजी सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री के निर्देशों के तहत की गई थी। इसमें हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, चंडीगढ़ और दिल्ली के पुलिस प्रमुख शामिल हैं। समिति की बैठक बीते वर्ष 16 सितंबर को श्रीनगर में हुई थी। इस बार यह शिमला में हुई। इसमें फैसला लिया गया कि हिमाचल की सीमाओं पर सतर्कता बढ़ाई जाएगी। अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया जाएगा।