हाई कोर्ट ने तबादलों में भेदभाव खत्म करने के लिए दिए आदेश
आवाज जनादेश/न्यूज ब्यूरो शिमला
प्रदेश हाई कोर्ट ने शैक्षणिक सत्र के मध्य में शिक्षकों के तबादले न करने के आदेश दिए हैं। राज्य सरकार को यह आदेश जारी करते हुए कोर्ट ने कहा कि सरकार अपने आदेशों का सख्ती से पालन करे, ताकि तबादलों के मामलों में किसी शिक्षक से कोई भेदभाव न हो। उल्लेखनीय है कि हाई कोर्ट ने तीन सितंबर को प्रारंभिक शिक्षा निदेशक के खिलाफ कड़ी टिप्पणी करते हुए मुख्य सचिव और शिक्षा सचिव को प्रारंभिक शिक्षा निदेशक द्वारा शिक्षकों के तबादलों में अपनाए जा रहे दोहरे मापदंड से अवगत करवाने के आदेश जारी किए थे। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने प्रार्थी रमन कुमार द्वारा दायर याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के पश्चात यह आदेश जारी किए थे।
बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान बताया गया कि कोर्ट के तीन सितंबर को जारी आदेशों के बाद सात सितंबर को शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में उच्च एवं प्रारंभिक शिक्षा निदेशकों व संयुक्त शिक्षा सचिव की उपस्थिति में शिक्षकों के तबादलों को लेकर कुछ आदेश जारी किए गए। इन आदेशों में प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को शिक्षकों के मध्य सत्र में तबादले न करने के निर्देश जारी किए गए। यह भी निर्देश दिए गए हैं कि बहुत ही जरूरी होने पर संबंधित शिक्षक के तबादले से जुड़ा मामला शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री के समक्ष जरूरी आदेशों के लिए पेश किया जाए। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को यह बताने के आदेश भी दिए गए हैं कि 30 जुलाई को तबादलों पर लगाए बैन के बाद उन्होंने कितने शिक्षकों के तबादले किए। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक के खिलाफ पहले से ही जारी कारण बताओ नोटिस पर स्पष्टीकरण भी मांगा गया है। सरकार के इन आदेशों के मद्देनजर कोर्ट ने मामले का निपटारा करते हुए तबादलों में दोहरा मापदंड न अपनाते हुए शिक्षकों से एक सा बर्ताव करने के आदेश दिए।