सदन में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का ऐलान
आवाज जनादेश/न्यूज ब्यूरो शिमला
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कांगड़ा को-ऑपरेटिव बैंक में करोड़ों रुपए के ऋण दिए गए। 35 प्रतिशत एनपीए था, जो अब सात प्रतिशत कम हुआ है। पंचायती राज संस्थाओं में कर्मचारियों की भर्ती के बारे में विभाग से खाली पदों की संख्या मंगवाई जाएगी, जबकि स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक की स्थिति अच्छी है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू मंगलवार को नियम 130 के तहत सदन में चर्चा का जबाव दे रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि सभी शैक्षणिक संस्थानों का लोकल रिपोर्ट विभाग अॅाडिट करता है।
इसकी रिपोर्ट नौ महीने में लोकलेखा समिति के पास आनी अनिवार्य है। रिपोर्ट वित्त विभाग के पास आती है और फिर विधानसभा सचिवालय में आती है, लेकिन इस प्रक्रिया में चार से पांच साल की देरी हो रही है। सरकार ऑडिट पर एक्ट बनाने पर गंभीरता से विचार करेगी। एक्ट में ही प्रावधान है कि लोकल ऑडिट करवाने के बाद सरकार को भेजा जाएगा। बैंक से लिए जा रहे नकली ऋण पर अंकुश लगाने का प्रावधान किया जाएगा।
सदन में ऑडिट पर बहस
विधायक संजय रतन ने कहा कि अॅाडिट सरकार की एजेंसी के माध्यम से होना चाहिए। यूजर्स चार्जेज वसूल करते हैं उन्हें विधानसभा के पटल पर इन्हें प्रस्तुत किया जाए। इस पर विधायक कुलदीप राठौर ने कहा कि 2023 में लोकल फंड ऑडिट कमेटी का गठन किया गया है। विधायक हंसराज ने भी इस चर्चा में भाग लिया।
पालमपुर में करोड़ों का गेट
विधायक विपिन परमार ने कहा कि पालमपुर विश्वविद्यालय प्रशासन से गेट के बारे में कोई पूछने वाला नहीं है। विश्वविद्यालय को सुंदर बनाने के लिए करोड़ों रुपए का गेट लगाना कहां तक सही है। केंद्र प्रायोजित योजनाओं का पैसा आता है, लेकिन काम कछुआ चाल से चल रहा है। खाली पदों को भरने की जरूरत है।