गिरिपार के गांव दुगाना निवासी अजय की मां बिलखते हुए कह रही है कि घर आने का वादा कर मेरा गुड्डू (अजय) अब घर क्यों नहीं आ रहा? कहां चला गया मेरा जिगर का टुकड़ा। इतना कह कर बार-बार बेसुध हो रही है।
आवाज जनादेश/न्यूज ब्यूरो शिमला
शिमला जिले के समेज में लापता अजय पुंडीर ने हादसे की रात से एक दिन पहले मां से बात कर घर आने की बात कही थी। कहा था-मां मैं कल ही कुछ दिनों के लिए घर आऊंगा। कुछ भी लाना हो तो बता देना। पापा व आपको कोई दिक्कत तो नहीं है। लापता होने से पहले अजय के अपनी मां से मोबाइल फोन पर बातचीत में ये आखिरी शब्द थे। लेकिन, बुधवार मध्यरात्रि को आई बाढ़ में सबकुछ बिखर गया।
गिरिपार के गांव दुगाना निवासी अजय की मां बिलखते हुए कह रही है कि घर आने का वादा कर मेरा गुड्डू (अजय) अब घर क्यों नहीं आ रहा? कहां चला गया मेरा जिगर का टुकड़ा। इतना कह कर बार-बार बेसुध हो रही है। नौजवान बेटे के लापता होने से परिवार के साथ-साथ रिश्तेदारों व अजय के दोस्तों का रो-रो कर बुरा हाल है। मां कहती है-मेरा गुड्डू वापस क्यों नहीं आ रहा है। उसका घर बसाने का सपना अधूरा रह गया। जिंदगीभर संघर्ष करते हुए मां-पिता ने तिनका-तिनका बटोरा और बेटे की शादी का अरमान संजोया था। पलभर में सब कुछ तबाह हो गया।
परिजन मुंशी राम पुंडीर व सुमेर पुंडीर, दिनेश व कपिल ने बताया कि स्कूली शिक्षा के बाद अजय परिवार का आर्थिक सहारा बनने को घर से बाहर निकल गया। खेतीबाड़ी कर पिता मुला राम पुंडीर व मां संधी देवी ने अपने बच्चों अजय पुंडीर उर्फ गुड्डू (33) व हितेंद्र पुंडीर ऊर्फ बिट्टू (30) को बेहतर शिक्षा दिलवाई। इसके बाद बड़ा बेटा अजय पावर प्रोजेक्ट में काम कर रहा था। हितेंद्र कालाअंब एक निजी कंपनी में सेवारत है। दोनों भाइयों ने दिन-रात मेहनत कर तीन मंजिला घर तैयार किया। मां का सपना है कि बेटे को दूल्हा बनते देखे।
शीघ्र सगाई कर दुल्हन लाने की तैयारी में था परिवार
ग्रामीणों ने बताया कि अजय अजय ने अपने लिए लड़की देख ली थी। अब शीघ्र सगाई भी करने की सोच रहा था। लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। बुधवार रात को आई बाढ़ में अजय ने अपने प्रोजेक्ट के तीन साथियों समेत पांच लोगों को संभावित खतरा बताते हुए घर से बाहर निकाला। इन लोगों को तो बचा लिया। लेकिन, खुद मकान मलकिन (मुंह बोली मां) को बचाने भीतर चला गया। इसी बीच बादल फटने के बाद समेज गांव में आए जलजले में 36 लोगों सहित अजय भी लापता हो गया। बादल फटने की सूचना मिलने के बाद अजय के चाचा मुंशी राम पुंडीर व सुमेर पुंडीर तथा छोटे भाई हितेंंद्र पुंडीर, दिनेश पुंडीर समेत ग्रामीण रामपुर पहुंच गए। दो दिन सर्च अभियान के बाद कोई पता नहीं चला। इसके बाद परिवार के सदस्य शुक्रवार रात 1 बजे दुगाना पहुंचे।