रघुवीर बाली बोले-अगर किसी अस्पताल ने धोखाधड़ी की है तो जांच और कार्रवाई होनी चाहिए

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रघुवीर सिंह बाली ने कहा कि देश के बहुत से अस्पतालों में आयुष्मान

भारत प्रधानमंत्री स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत अनियमितताएं और धोखाधड़ी पाई गई हैं और यह बहुत गंभीर मामला है।

आवाज जनादेश/न्यूज ब्यूरो शिमला

आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत गरीब व जरूरतमंद मरीजों का इलाज होता है। लोगों के टैक्स के पैसे से यह योजना चल रही है। किसी मरीज के साथ धोखाधड़ी होना बहुत संगीन मामला है। अगर किसी अस्पताल ने धोखाधड़ी की है तो जांच होना बहुत जरूरी है और उस पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। इसमें कुछ भी राजनीति से प्रेरित नहीं है। यह बात शुक्रवार को धर्मशाला में आयोजित प्रेस वार्ता में नगरोटा बगवां से कांग्रेस विधायक एवं प्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष रघुवीर सिंह बाली ने कही। उन्होंने कहा कि देश के बहुत से अस्पतालों में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत अनियमितताएं और धोखाधड़ी पाई गई हैं और यह बहुत गंभीर मामला है।

इसी कड़ी में कांगड़ा समेत हिमाचल के अलग-अलग जगह यह छापामारी हुई। बाली ने कहा कि कांगड़ा के अंतर्गत हमारा एक भवन है, जिसे फोर्टिस कंपनी को अस्पताल चलाने के लिए पिछले 13 सालों से दिया हुआ है। मेरे परिवार का इसमें कोई हस्ताक्षेप नहीं है। लेकिन फिर भी उपलब्ध रिकॉर्ड के अनुसार वर्ष 2020 से यह अस्पताल आयुष्मान भारत योजना के तहत जुड़ा है। फोर्टिस अस्पताल में आयुष्मान भारत पीएम केयर योजना के तहत आज दिन तक 22 लोगों का उपचार हुआ और उपचार पर 4,85,500 रुपये खर्च हुए हैं। ईडी की टीम मरीज से संबंधित रिकॉर्ड लेने के लिए यहां आई थीं। मरीजों के फोन नंबर, आधार कार्ड, पेन नंबर समेत जो-जो जानकारी ईडी के अधिकारियों ने मांगीं थी, वह प्रत्येक जानकारी उन्हें उपलब्ध करवाई गई हैं।

बाली ने कहा कि घर पर राशन समेत अन्य जरूरतें पूरा करने के लिए जितना पैसा चाहिए होता है, उतना ही पैसा मेरे आवास पर भी रहता है। सारे भुगतान बैंक चेक से होते हैं। इसके अलावा जांच एजेंसियों को कुछ भी बरामद नहीं हुआ। आरएस बाली ने कहा कि उनके स्वर्गीय पिता की जयंती पर आयोजित बाल मेले के दो दिन बाद ही ईडी की जब उनके आवास पर रेड हुई तो उस दौरान वह अपनी पत्नी और बेटे के साथ मैक्लोडगंज और बैजनाथ में छुट्टियां बीता रहे थे। घर से सूचना मिलने पर वापस कांगड़ा अपना आवास पर लौट आए। आरएस बाली ने कहा कि मुझे न तो ईडी के किसी अधिकारी का फोन आया और न ही किसी अन्य तरह कोई दबाव था। लेकिन फिर भी सूचना मिलने के बाद जांच में सहयोग के इरादे से घर पहुंचा और अपना नैतिक धर्म निभाया है।

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