विधानसभा के शीतकालीन सत्र के लिए जयराम सरकार गुरुवार को धर्मशाला पहुंच जाएगी। धर्मशाला पहुंचने के बाद शाम को भाजपा और कांग्रेस विधायक दलों की बैठक अलग-अलग होगी। इसमें विधानसभा के शीतकालीन सत्र के लिए रणनीति तय की जाएगी। वर्तमान विधानसभा के कार्यकाल का यह आखिरी शीतकालीन सत्र है, इसलिए उपचुनाव में चार सीटें जीतकर आ रहे विपक्षी दल कांग्रेस के विधायकों के हौसले बुलंद होंगे। दूसरी तरफ सरकार ने भी विधानसभा सत्र के लिए तैयारी करके रखी है और सदन के भीतर आक्रामक रूप ही भाजपा विधायक भी अपनाएंगे। अब तक तय शेड्यूल के मुताबिक शुक्रवार 10 दिसंबर को सुबह 11:00 बजे से विधानसभा सत्र शुरू हो रहा है और शुरुआत शोकोद्गार से होगी। पिछले और अब के सत्र के बीच में दिवंगत हुए पूर्व विधायकों को याद किया जाएगा।
इनमें पूर्व मंत्री जीएस बाली और पालमपुर के पूर्व विधायक डा. शिवकुमार शामिल हैं। इसके बाद सदन की कार्यवाही स्थगित की जा सकती है, लेकिन पहले दिन से ही विपक्ष हंगामा करने को तैयार है। सत्र के दूसरे दिन 11 दिसंबर, शनिवार को कार्यवाही के बाद कैबिनेट की बैठक भी रखी गई है। सामान्य तौर पर शनिवार को विधानसभा की कार्यवाही नहीं होती थी, लेकिन इस बार बैठक पूरी करने के लिए सदन चलेगा। अगले दिन रविवार को अवकाश रखा गया है, लेकिन इस दिन मुख्यमंत्री गद्दी और गुर्जर कल्याण बोर्डों की बैठक लेंगे। इसके बाद आखिरी तीन दिनों के लिए मुख्यमंत्री सदन में नहीं होंगे, क्योंकि वह वाराणसी जा रहे हैं। मंगलवार को विधानसभा सत्र में गैर सरकारी सदस्य कार्य दिवस रखा गया है। विधानसभा से मिली जानकारी के मुताबिक अब तक 580 सवाल आ चुके हैं और इस बार कांग्रेस विधायकों के अलावा भाजपा विधायकों ने भी काफी सवाल पूछे हैं। सदन में कितने बिल लाए जाएंगे? यह भी तय नहीं है। हालांकि कैबिनेट से दो विधेयक अभी अप्रूव हो चुके हैं। इसमें एक लोकायुक्त संशोधन विधेयक है और दूसरा मंडी स्टेट यूनिवर्सिटी का विधेयक होगा।
कल कैबिनेट की बैठक
शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन यानी शनिवार को कार्यवाही के बाद कैबिनेट की बैठक भी रखी गई है। इस कैबिनेट में जयराम सरकार सदन में रखे जाने वाले विधेयकों को पारित कर सकती है। इसके अलावा जेसीसी में हुए कुछ फैसले भी इस बैठक में लाए जा सकते हैं।