राज्य सरकार ने प्रदेश के हजारों भेड़ पालकों को बड़ी राहत दी है। इन्हें अब अपने पशुधन के लिए वन विभाग से लिए जाने वाले ग्रेजिंग परमिट छह साल में एक बार ही लेने होंगे। वर्तमान में इस परमिट की अवधि तीन साल थी, जिसे अब सरकार ने बढ़ाकर छह साल कर दिया है। वन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव निशा सिंह की ओर से अधिसूचना जारी हुई है। गौरतलब है कि इससे पहले वन मंत्री राकेश पठानिया की अध्यक्षता में हुई स्टेट लेवल ग्रेजिंग एडवाइजरी रिव्यू कमेटी में यह मांग उठी थी। यह बैठक चार अगस्त को इसी साल हुई थी।
इससे पहले एक साल से तीन साल अवधि भी पूर्व धूमल सरकार के दौरान हुई है। लोगों की मांग को देखते हुए वन मंत्री ने इस मांग को मंजूर किया और अब वन विभाग ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी। भेड़ पालकों के लिए इसमें एक और राहत यह है कि अब यह परमिट लोकल डीएफओ से बनवाए जा सकेंगे। इससे पहले जिस क्षेत्र में भेड़ बकरी को चराने जाना होता था, उस क्षेत्र के डीएफओ से भी परमिट लेना पड़ता था। अब एक ही जगह परमिट मिलेगा। इससे भेड़ पालकों को सरकारी दफ्तरों के बार-बार चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। हिमाचल स्कूल फेडरेशन के चेयरमैन त्रिलोक कपूर में इस अधिसूचना के लिए वन मंत्री राकेश पठानिया और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी भाजपा सरकार के दौरान ही ये अवधि बढ़ी थी और अब भी सरकार में यह राहत मिली है।