औषधीय पौधों की खेती के प्रथम चरण का उद्घाटन

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आवाज़ जनादेश/शिमला

13 जून 2021 रविवार को औषधीय पौधों की खेती के उद्घाटन के प्रथम चरण में पौधों का वितरण किया गया। हिमाचल प्रदेश में औषधीय पौधों की खेती तेजी से लोकप्रिय हो रही है। जिला शिमला के अतिरिक्त अन्य पहाड़ी इलाकों जैसे किन्नौर, मंडी, लाहुल सपीती, सिरमौर और चंबा इत्यादि जिलों में भी औषधीय पौधों की खेती की जा रही है। 13 जून, 2021 को चिरगांव, मकतौत, मस्तोत, रोहड़ू, खंगटा, टिक्कर, फरोग, हस्तरी, कशैनी, नकरारी, बराल, शील घाट तथा कई अन्य गांव मगवाटा, जुब्बल, रोटान, कायाना, खरापाथेर, देवरीघाट, खानेटी, कोटखाई, गुम्मा, देहा, चंबी, मारोग और ठियोग इत्यादि के इच्छुक किसानों एवं उत्पादकों के
नवगठित समूहों को 10 हजार के लगभग यह दुर्लभ महंगी औषधीय पौधों की सामग्री वितरित की गई। इन पौधों की आपूर्ति त्रिदेवी औषधालय, रोहल द्वारा की गई थी। सोसायटी के अध्यक्ष कृपाल सिंह ने डॉ0 अरुण चंदन, डॉ0 दलीप ठाकुर, डॉ0 मोहिंदर, वैज्ञानिक डॉ0 एनके कायथ, डॉ0 धारू राज गोदारा, डॉ0 जगदीश पारीक, डॉ0 नितिका के साथ नरेश जैन,सुशांत के रंजन,राजन रोल्टा और डॉ0 तुषार लंगवाल इत्यादि को निरंतर मार्गदर्शन के लिए उनका धन्यवाद किया।

उन्होंने औषधीय पौधों के वितरण के आपूर्ति कार्यक्रम के प्रथम चरण के उद्घाटन के लिए राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सीमा के प्राचार्य डॉ0 बी एस चौहान का हार्दिक धन्यवाद किया और कहा कि यूबीए की उनकी टीम और आयुष मंत्रालय, भारत सरकार और फार्ममा कंपनियों के विशेषज्ञों के साथ अन्य छात्रों के सहयोग से पिछले दो वर्षों से हमारी परियोजना प्रगति पर है । यहां कच्चे और तैयार माल की बहुत मांग है और त्रिदेव औषधालय रोहल में इच्छुक उत्पादकों और किसानों के लिए लगभग 2 लाख औषधीय पौधों की सामग्री तैयार है। इस खेती से विशेष रुप से वर्तमान महामारी में प्रतिरक्षा बढ़ाने की सामग्री उत्पत्ति के साथ-साथ युवाओं के लिए रोजगार भी पैदा हुआ है। डॉ0 बी एस चौहान ने कहा कि आने वाले कुछ दिनों में त्रिदेव औषधालय, सरकारी हर्बल गार्डन डुमरेरा और कुछ अन्य औषधीय पौधों के आपूर्तिकर्ता ऐसे पौधों का वितरण करेंगे। केंद्र सरकार ने औषधीय पौधों के प्रचार और खेती के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। वन समृद्धि जन समृद्धि योजना और सब्सिडी के रूप में कई अन्य वित्तीय सहायता नवीन किसानों के लिए उपलब्ध है। गवर्नमेंट कॉलेज सीमा ने जिला शिमला के किसानों के लगभग 10 क्लस्टर बनाने में मदद की है, जिनमें से प्रत्येक के पास 25 बीघा या उससे अधिक भूमि है। पिछले दो वर्षों के दौरान राजकीय महाविद्यालय सीमा ने औषधीय पौधों की खेती को लोकप्रिय बनाने के लिए जिला शिमला की विभिन्न पंचायतों में कई अभिविन्यास शिविरों का आयोजन किया है और इसके परिणामस्वरूप इस क्षेत्र के लगभग 5000 से भी अधिक किसानों की उचित प्रतिक्रिया मिली है। शिमला जिले में लगभग 250 बीघा में इन दुर्लभ और महंगे पौधों की खेती की जा रही है जो हिमाचल प्रदेश द्वारा अपनाई गई केंद्र सरकार की यूबीए योजना के तहत राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सीमा की निगरानी में हो रही है। सभी इच्छुक किसान 17, 18 जून को निम्नलिखित मोबाइल नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं ताकि चरण 2 की आपूर्ति की तत्काल व्यवस्था की जा सके।
कृपाल सिंह 9418238793
कृतिका 7018053335
प्रदीप शर्मा 9459031233
राजन रोल्टा 7018792621

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