आवाज़ जनादेश थुनाग – सराज घाटी में प्रतिदिन हो रही बारिश ने बागबानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। करीब एक सप्ताह हो रही बारिश के कारण सेब में कई प्रकार के रोग लगना शुरू हो गए हैं, जिसके चलते सेब बागीचों के मालिकों की समस्या और बढ़ गई है।* बारिश के चलते सेब में स्कैव, एप्पल मोजैक वायरस और क्लोरोटिक वायरस लगना शुरू हो गया है। सराज घाटी के बगस्याड़ के बागबान तपेंद्र कुमार, हेमंत कुमार, दुष्यंत सिंह, पवन कुमार, दुनी चंद, दुलाश, ईशान, दुर्गा सिंह, ओम चंद, सोहन लाल, भोप सिंह, कौल सिंह, चेतराम इत्यादि ने बताया कि इस बार सेब की फसल के लिए मौसम पहले से ही अनुकूल नहीं रहा, जिसके चलते सेब में कई रोग लगने शुरू हो गए हैं। वहीं जिस तरह से जून और मई के पहले सप्ताह में बारिश हो रही है उससे बागबानों की मुश्किलें और भी बढ़ा दी हैं। जहां बागबान सेब में कीटनाशकों का छिड़काव करना चाहते हैं या छिड़काव करते हैं तो कुछ ही घंटों बाद बारिश शुरू हो जाती है और कीटनाशक का असर खत्म हो जाता है, जिसके चलते सेब के पौधों में रोग की रोकथाम नहीं हो रही है और बागबानों को रोकथाम करने के लिए बार-बार कीटनाशक का छिड़काव करना पड़ रहा है। वहीं विभाग की ओर से बागबान अधिकारी बगस्याड़ गितेश कुमार ने बताया कि जिस तरह से जून और मई में बारिश हो रही है, उससे जरूर बागबानों की मुश्किलें बढ़ी हैं। उन्होंने बताया कि आजकल सेब में ऐटराकॉल दवाई का छिड़काव करें और साथ में मैनोजैट 600 ग्राम प्रति 200 लीटर में डालकर इसका छिड़काव करें। इसके साथ उन्होंने बताया कि बागबान कार्यालय बगस्याड़ में स्प्रे शेड्यूल आया हुआ है। जिस भी बागबान को दवाई चाहिए, वह कार्यालय में आए इसके साथ सभी प्रकार की दवाई भी कार्यालय में उपलब्ध है।
हर रोज हो रही बारिश ने लगाए कई रोग, मई-जून में ही बिगड़ गया मौसम
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