नई दिल्ली :इन दिनों कोरोना वायरस का खौफ पूरी दुनिया में नजर आ रहा है। इस बीच,बेहद संक्रामक बीमारी से जुड़े रोज नए खुलासे हो रहे हैं। एक ताजा अध्ययन में पता चला है कि यह वायरस प्लास्टिक और स्टील पर भी लंबे समय तक जिंदा रह सकता है। यानी बाहर से लाए गए प्लास्टिक से भी संभल कर रहने की जरूरत है। साथ ही घरों में इस्तेमाल होने वाले स्टील के बर्तनों को बहुत अच्छी तरह साफ करने के बाद ही उपयोग में लाना जरूरी है।यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया लॉस एंजिलिस के अध्ययन के अनुसार, यह वायरस कॉपर पर चार घंटे जीवित रह सकता है। वहीं कार्ड बोर्ड पर 24 घंटे तो प्लास्टिक और स्टील के बर्तनों में 2 से 3 दिन तक इस वायरस की जिंदगी हो सकती है। इस अध्ययन के लेखक जेम्स स्मिथ के अनुसार, यदि संक्रमित व्यक्ति के छूने के बाद आप इन बर्तनों को छू रहे हैं तो कोविड-19 बीमारी होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। डॉ.लक्ष्मीदत्ता शुक्ला के अनुसार,तांबा यानी कॉपर को ओलिगोडीनामिक के रूप में जाना जाता है। यह बैक्टीरिया का नाश करता है। तांबा इकलौती धातु है जो खुद से सम्पर्क में आने पर किसी भी तरह के बैक्टीरिया को अपने-आप मार देता है।वहीं भारतीय धर्म ग्रंथों में शुरू से तांबे के बर्तनों का उपयोग लाभदायक बताया गया है।इसकी सतह पानी या हवा से सम्पर्क में आने पर रासायनिक क्रिया करती है। यही कारण है कि इस पर किसी भी तरह से जीवाणु या विषाणु पैदा नहीं होते हैं, जबकि यह खतरा अन्य धातुओं के बर्तनों पर रहता है।2015 में हुए एक अन्य अध्ययन में बताया गया था कि तांबा रेस्पिरेटरी वायरस से बचा सकता है रेस्पिरेटरी वायरस यानी ऐसा वायरस जो फेफड़ों पर अटैक करता है।
कोरोना प्लास्टिक और स्टील पर लंबे समय तक जिंदा रहता है, कांसे की थाली में खाये – स्टडी
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