शिमला ब्यूरो: हिमाचल में एक दर्जन निगमों-बोर्डों का घाटा ढाई सौ करोड़ बढ़ गया है। बिजली बोर्ड का घाटा सबसे अधिक साढ़े 1500 करोड़ से ज्यादा हो गया है। सरकार निगमों और बोर्ड की माली हालत में सुधार कृतसंकल्प है, लेकिन दर्जन भर निगमों-बोर्डों की आर्थिक स्थिति सुधरने में नहीं आ रही। विज्ञापन प्रदेश में वर्तमान में करीब दो दर्जन निगम और बोर्ड हैं। इनमें एक दर्जन घाटे में हैं। इन निगमों-बोर्डों में करीब तीस हजार कर्मचारी तैनात हैं। निगमों-बोर्डों के खर्चे हर साल बढ़ते जा रहे हैं। इससे इन संस्थानों की वित्तीय स्थिति खराब होती जा रही है। इनका अभी तक कुल घाटा साढ़े तीन हजार करोड़ से अधिक है। ऐसा नहीं है कि राज्य के सभी निगम और बोर्ड घाटे में हैं, लेकिन दस निगम और बोर्ड मुनाफे की पटरी पर हैं। निगम और बोर्ड घाटा करोड़ों में 1. राज्य बिजली बोर्ड 1531.50 2. हिमाचल प्रदेश वित्त एवं विकास निगम 160.16 3. हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम 138.27 4. हिमाचल पावर कारपोरेशन 212.82 5. हिमाचल ऊर्जा संचार निगम 53.06 6. हिमाचल एससी एसटी कारपोरेशन 24.46 7. हिमाचल एग्रो इंडस्ट्रीज कारपोरेशन 11.19 8. एचपीएमसी 87.73 9. हिमाचल वन निगम 113.04 10 हिमाचल हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम 13.99 11. एचपीटीडीसी 33.34 12. मिल्कफेड 19.85 13. हिमाचल अल्प संख्यक वित्त एवं विकास निगम 7.77 ऐसे में विकास की उमीद दम तोड़ी नजर आ रही है जबकि निगमो और बोर्डो की रीढ़ की हड्डी माना जाता है।
हिमाचल में दर्जन निगमों-बोर्डों का घाटा ढाई सौ करोड़ के पार
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