आवाज़ जनादेश /शिमला
प्रदेश के लाखों घरेलू और कृषि उपभोक्ताओं को इस साल महंगी बिजली का झटका लगने के आसार कम हो गए हैं। साल 2020-21 के लिए सरकार ने सस्ती बिजली देने के लिए बोर्ड को 480 करोड़ की सब्सिडी देने की घोषणा की है। इसी माह बिजली की नई दरें तय होने की संभावना है। बोर्ड ने 487 करोड़ के घाटे का हवाला देते हुए 8.73 फीसदी की दर से बिजली महंगी करने का विद्युत नियामक आयोग को प्रस्ताव भेजा है। विज्ञापन अब 480 करोड़ की सब्सिडी मिलने से बोर्ड के मनमाफिक दरें बढ़ने की संभावना कम है। बीते साल सरकार ने बोर्ड को 475 करोड़ की सब्सिडी दी थी। इस दौरान आयोग ने मात्र पांच पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली महंगी की थी। उधर, प्रदेश में लंबे समय से लटकी जल विद्युत परियोजनाओं को जल्द पूरा कर शुरू कराने के उद्देश्य से परियोजना निर्माताओं को एकमुश्त रियायत देने के लिए नीति तैयार की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा नीति का निर्माण ऐसे किया जाएगा ताकि इन परियोजनाओं के निर्माण कार्य को गति मिल सके। प्रदेश में विद्युत उत्पादन में तेजी लाने और गैर परंपरागत ऊर्जा के समग्र विकास के लिए सरकार तीन हजार 200 करोड़ की परियोजना को भारत सरकार ने वित्त पोषण कराने के लिए अनुमति दे दी है। इस परियोजना के तहत विश्व बैंक द्वारा विद्युत उत्पादन, ट्रांसमिशन और वितरण क्षेत्रों में निवेश के माध्यम से प्रदेश के दूरदराज के इलाकों में बिजली समस्या का समाधान किया जा सकेगा। 6947 करोड़ की अनुमानित लागत वाली 40 मेगावाट की रेणुकाजी परियोजना इस वित्त वर्ष में शुरू हो जाएगी। पांगी घाटी में बिजली की समस्या को कम करने के लिए नए वित्त वर्ष में एक हजार घरों में 250 वाट क्षमता के ऑफ ग्रिड सौर ऊर्जा स्कलउत्पादन किया जाएगा।
शिमला घरेलू और कृषि उपभोक्ताओं को महंगी बिजली का झटका लगने के आसार कम
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