कंचन सिंह परमार के घर गांव ननाओं, तहसील पालमपुर, जिला कांगड़ा हिमाचल प्रदेश में 15 मार्च, 1964 को जन्मे विपिन सिंह परमार विपिन सिंह परमार बाल्यकाल से ही कुशाग्र बुद्धि थे। परमार की आरम्भिक शिक्षा केन्द्रीय विद्यालय,योल धर्मशाला से हुई। उसके पश्चात कॉलेज स्तर की शिक्षा राजकीय महाविद्यालय धर्मशाला जबकि उच्च शिक्षा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से LLB की डिग्री पूर्ण की। परमार ने कॉलेज में ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् की सदस्यता ग्रहण की तथा पूर्णकालिन ABVP कार्यकर्ता रहते हुए वर्ष 1980 में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में ABVP के Campus President बने के बाद लगातार 8 बर्षों तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् हिमाचल प्रदेश के संगठन सचिव बने रहे। तत्पश्चात कांगड़ा-चम्बा युवा मोर्चा के अध्यक्ष बनाये गये। ततपश्चात परमार कांगड़ा के भारतीय जनता पार्टी के महासचिव पद पर तैनात हुए । परमार की उनकी नेतृत्व क्षमता को देखते हुए उन्हें जिला कांगडा भारतीय जनता पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया। बाद में प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष पद पर भी तैनात रहे तथा उन्हें कांगडा-चम्बा संसदीय क्षेत्र का भी प्रभारी बनाया गया।बर्ष 1980 से आर0 एस0 एस0 स्वंय सेवक के रूप में कार्य कर रहे है।
1998 में सुलह निर्वाचन क्षेत्र से प्रथम बार हिमाचल प्रदेश विधान सभा सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए तथा हिमाचल प्रदेश खादी बोर्ड के अध्यक्ष बनाये गये।परमार 1999 से 2003 तक राज्य खादी बोर्ड के अध्यक्ष रहे। वर्ष 2007 में पुन: सुलह निर्वाचन क्षेत्र से विधान सभा के लिए निर्वाचित हुए।परमार को दिसम्बर, 2017 में तीसरी बार हिमाचल प्रदेश विधान सभा सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए तथा 27 दिसम्बर, 2017 को हिमाचल प्रदेश सरकार राज्य मन्त्रीपरिषद में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, आयुर्वेद और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री के रूप में शामिल किए गए। 25 फरवरी, 2020 तक इस पद पर रहे तथा 26 फरवरी, 2020 को सर्वसम्मति से हिमाचल प्रदेश विधान सभा के 17वें अध्यक्ष के रूप में चुने गये। श्री परमार को हिन्दी व अंग्रेजी दानों भाषाओं का ज्ञान हासिल है। उन्हें पठन,लेखन तथा संगीत में भी गहरी अभिरूचि है।
हिमाचल विधानसभा के अध्यक्ष बने विपिन परमार
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