आवाज़ जनादेश
राज्य दिव्यांगता सलाहकार बोर्ड की गत दिवस आयोजित पहली बैठक की अध्यक्षता करते हुए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डाॅ. राजीव सैजल ने कहा कि प्रदेश सरकार दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
डाॅ. राजीव सैजल ने कहा कि राज्य में दिव्यांगजनों की सही संख्या का पता लगाने के लिए एक व्यापक सर्वेक्षण किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर दिव्यांगजनों की समस्याओं के प्रति बहुत संवेदनशील हैं। सरकार ने दिव्यांगजन अधिकार कानून 2016 को लागू करने के लिए विशेष प्रयास किए हैं। यह कानून देशभर में अप्रैल 2017 से लागू किया गया था। इसके अंतर्गत सरकार ने जून 2019 में नियम भी अधिसूचित कर दिए थे। उन्होंने बताया की दिव्यांगजनों को उच्च शिक्षा में पांच प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। उन्हें नौकरियों में भी कानून के आधार पर चार प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि यह प्रसन्नता का विषय है कि दृष्टिबाधित एवं अन्य दिव्यांग विद्यार्थी अनेक महाविद्यालयों और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। उनमें से कई विद्यार्थियों ने यूजीसी की नेट एवं जेआरएफ और राज्य की सेट की कठिन परीक्षा भी पास की है। ये उच्च शिक्षित विद्यार्थियों का विभिन्न सरकारी नौकरियों के लिए भी चुने जा रहा हैं।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि सरकार पात्र दिव्यांग बेरोजगारों को प्रतिमाह 1500 रुपए बेरोजगारी भत्ता भी दे रही है। उन्होंने कहा कि सरकार दिव्यांगजनों के विशिष्ट दिव्यांगता पहचान कार्ड (यूडीआईडी) बनाने पर विशेष बल दे रही है। अभी तक 16030 कार्ड बनाए जा चुके हैं। ये देश भर में मान्य होंगे।
डाॅ. राजीव सैजल ने कहा कि दिव्यांगजनों की प्रतिभा को पहचान कर उन्हें हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के अवसर प्रदान किए जाने चाहिए। यह उनका संवैधानिक अधिकार है। समाज को दिव्यांगजनों के प्रति हमेशा सकारात्मक दृष्टिकोण रखना चाहिए।
बैठक में विधायक किशोरीलाल, बोर्ड के विशेषज्ञ सदस्य प्रो. अजय श्रीवास्तव, संजना गोयल एवं डाॅ. अनुपम ठाकुर सहित गैर सरकारी सदस्यों ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए।