वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह में नवाजे होनहार
धर्मशाला 11 जनवरी: शहरी विकास, आवास एवं नगर नियोजन मंत्री सरवीन चौधरी ने कहा कि प्रदेश में विद्यार्थियों को गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने की दिशा में विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। इस दिशा में नई योजनाएं भी आरंभ की गई है। इस समय प्रदेश में उच्च स्तर तक शिक्षण संस्थानों का बड़ा नेटवर्क विद्यमान है। सभी शिक्षण संस्थानों में पर्याप्त स्टाफ उपलब्ध करवाने के कारगर प्रयास किए जा रहे हैं व शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया लगातार जारी है। इस वर्ष शिक्षा के लिए 7598 करोड रुपए के बजट का प्रावधान किया गया है।
सरवीन चौधरी आज शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला घरोह के वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह के दौरान बतौर मुख्यातिथि शिरकत करते हुए बोल रहीं थीं।
शहरी विकास मंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास किया है। गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रदेश में अनेक योजनाएं चलाई जा रही है और यह इसी का परिणाम है कि चाहे वह शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की भर्ती का मामला हो, आधारभूत ढांचे का सुदृढ़ीकरण व आधुनिक सुविधाओं के साथ छात्रों को विश्व स्तरीय शैक्षणिक माहौल प्रदान करना हो यह सब सरकार की प्राथमिकता सूची में आता है। सरकार का यही प्रयास है कि छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए न केवल स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति की जाए बल्कि शिक्षकों को नवीनतम जानकारियों से अवगत करवाने के लिए उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जाये । सरकार की इसी दूरदर्शिता का नतीजा है कि आज यह पहाड़ी प्रदेश कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति कर रहा है।
सरवीन चौधरी ने शिक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि शिक्षा जीवन में सफलता का आधार होती है। उन्होंने अध्यापकों से आहवान् किया कि वह बच्चों को गुणात्मक शिक्षा के साथ-साथ अन्य गतिविधियों में भी भाग लेने के लिए प्रेरित करें ताकि उनका सर्वागीण विकास हो सके। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के कुशल नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है और प्रदेश अन्य राज्यों के लिए एक आदर्श के रूप में उभरा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए अटल आदर्श विद्या केन्द्र, मेधा प्रोत्साहन योजना, पुस्तक दान दिवस, मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना, मुख्यमंत्री युवा आजीविका योजना इत्यादि नवीन योजनाएं आरंभ की गई हैं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी इन योजनाओं की पूरी जानकारी लें तथा इनका लाभ उठायें।
नशे से दूर रहें युवा
सरवीन ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी नशे के दलदल में फंसती जा रही है। उन्होंने युवाओं से आह्वाहन किया कि वे नशे से दूर रहें। उन्होंने कहा कि युवा भारत का भविष्य है तथा उनका स्वस्थ रहना अति आवश्यक है। उन्होंने अध्यापकों तथा अभिभावकों से भी आह्वान किया कि वह बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखें ।
इससे पूर्व स्कूल की प्रधानाचार्य मधु शर्मा ने मुख्यातिथि का स्वागत किया तथा स्कूल की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की।
इस अवसर पर बच्चों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। मंत्री ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए 15 हजार रुपये देने की घोषणा की।
इस अवसर पर मेरे स्कूल से निकले मोती कार्यक्रम के तहत सेवानिवृत्त आईएफएस अधिकारी रविन्द्र नाथ व राजकीय डिग्री कालेज ज्वाली के प्रधानाचार्य नरेंद्र शर्मा को सम्मानित किया गया।
उन्होंने शैक्षणिक, खेल तथा अन्य गतिविधियों में उत्कृष्ट स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कार भी वितरित किये।
घोषणायें
शहरी विकास मंत्री ने पाठशाला की छत के लिए डेढ़ लाख रूपये, स्टेज के लिए 75 हजार तथा इंटरलॉक टाइलें लगवाने के लिए 1.50 लाख रूपये देने की घोषणा की ।
उन्होंने कहा कि 215.26 लाख रुपए की लागत से बनने वाली लांझनी से नरघोटा लिंक सड़क की डीपीआर तैयार कर एडवाइजर (प्लांनिंग) को भेजी गई है तथा शीघ्र ही इसका कार्य शुरू किया जाएगा । इसके साथ ही 153.56 लाख से निर्मित होने वाले केंट नाला का कार्य प्रगति पर है और 50 लाख रूपये खर्च कर चंबी धर्मशाला रोड का चौड़ाई व टायरिंग का कार्य पूरा कर लिया गया है । उन्होंने बताया कि हरिजन बस्ती ओडर को 12 लाख रूपये दिए गए हैं। उन्होंने भितलू से कुट सडक के टायरिग वर्क के लिए 25 लाख रुपए देने की घोषणा भी की । उन्होंने कहा कि भितलू से कुट्ट सड़क के लिए 1 करोड़ 12 का टेंडर हो गया है जिसे शीघ्र शुरू करने के आदेश दिए गए हैं ।
इस अवसर पर सुधेड की प्रधान सपना देवी, घरोह की प्रधान कांता देवी, भत्तला के प्रधान ओम प्रकाश , एसएमसी के प्रधान राजेश राणा, युवा मोर्चा अध्यक्ष विजय, प्रांत अध्यक्ष हिमाचल प्रदेश शिक्षिक महासंघ पवन कुमार, एक्सईएन संजीव महाजन सहित विभिन्न स्कूलों के प्रधानाचार्य, स्कूल के अध्यापक, अभिभावक तथा बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे मौजूद थे