आनी और नमहोंग पंचायतों के 60 परिवारों को दो सप्ताह से नहीं पेयजल

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चमन शर्मा आनी
प्राकृतिक स्रोतों से या फिर भंडार किये बासी पानी को उबालकर पी रहे लोग
आनी। आईपीएच के आनी मण्डल के तहत आनी और नमहोंग पंचायतों के कुछ गांवों में दस दिनों से ज्यादा समय से पेयजल आपूर्ति करने में विभाग नाकाम है। जिसके चलते लोगों में आईपीएच विभाग के प्रति खासा रोष पनप गया है। नमहोंग पंचायत के रछोग और नमहोंग तथा आनी पंचायत के थबोली,बर्गेइधार और थनोग गांवों के करीब 60 परिवारों को या तो प्राकृतिक स्रोतों से या फिर बारिश के पानी पर निर्भर होना पड़ रहा है। नमहोंग और रछोग क ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें पेजल की आपूर्ति 8वें दिन की जाती है और अगर उनकी रूटीन के दौरान पेयजल पाइप लाइन में खराबी या अन्य किसी वजह से पानी ना मिल पाए तो अगली आपूर्ति करीब 16 – 17 दिनों बाद कि जाती है। यही कारण है कि पिछले करीब 15 दिनों से ही रछोग और नमहोंग गांव प्यासे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें पानी को अमूमन भंडारण करने के बाद 8 से 10 दिनों पुराना पानी उबालकर पीना पड़ता है।
यही हाल आनी पँचायत के बर्गेइधार और थनोग गांवों का भी है,जहां पिछले 12 दिनों से पेयजल आपूर्ति नहीं हो पाई है। जिसके चलते ग्रामीण चनाबाई नामक प्राकृतिक स्रोत से पानी पीठ पर ढोकर लाना पड़ रहा है और पेयजल आपूर्ति को पूरा करना पड़ रहा है। जबकि थबोली गांव के लोगों का कहना है कि आईपीएच विभाग की अनदेखी के कारण उन्हें कई दिनों का गंदा पानी पीना पड़ रहा है। जबकि उनके गांव के आसपास प्राकृतिक स्रोत न होने के कारण उन्हें बागीचों में कीटनाशक दवाओं के छिड़काव के लिए बनाए गए भंडारण टैंकों के पानी को छानकर पीने की नौबत आ पड़ी है। ग्रामीणों का रोष है कि आईपीएच विभाग उनकी समस्या को दूर कर पाने में हमेशा ही असमर्थ रहा है। गर्मियां हों या सर्दियां उन्हें पेजल किल्लत से दो चार होना आम बात है।
उपरोक्त पंचायतों के प्रभावित गांवों के सैंकड़ों ग्रामीणों का कहना है कि आईपीएच विभाग के कर्मचारियों को समस्या से अवगत करवाने के बावजूद उनके ढुलमुल रवैया अपनाने के कारण समस्या दूर नहीं हो पाती। ग्रामीणों विभकाग के अधिकारियों से उनकी पेजल की समस्या को जल्द दूर करने की मांग की है।
बयान
इस बारे में आईपीएच मण्डल आनी के एक्सईएन आरके कौंडल का कहना है कि समस्या उनके ध्यान में नहीं है। अगर ऐसा है तो वे आज ही सम्बंधित सेक्शन के जेई और फील्ड स्टाफ से पूरी रिपोर्ट लेंगे और समस्या को जल्द दूर करने का प्रयास करेंगे।

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