आवाज़ जनादेश मंडी, 8 अगस्त : प्रदेश सरकार हर हिमाचली के लिए दुख तकलीफ की किसी भी परिस्थिति में सहारा बन कर खड़ी है। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर का इस ओर विशेष ध्यान है कि सेहत संबंधी परेशानियों के कारण किसी भी हिमाचली को आर्थिक संकट से न जूझना पड़े। मुख्यमंत्री की संवदेनशीलता के इसी भाव से प्रदेश में दीन दुखियों, गरीबों के लिए सहारा योजना का अंकुरण हुआ है। इससे प्रदेश की स्वास्थ्य योजनाओं में एक और सुनहरा अध्याय जुड़ गया है।
सहारा योजना में गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों की आर्थिक मदद का प्रावधान किया गया है। इसके तहत आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए गंभीर रोगों में हर महीने दो हजार रुपये बैंक खाते में आएंगे। योजना का उद्देश्य लंबी अवधि तक उपचार के दौरान रोगियों व उनके परिवारों को आने वाली वित्तीय और अन्य समस्याओं से निजात दिलाना है।
मुख्य चिकित्सा अध्किारी जीवानंद चौहान बताते हैें कि सहारा योजना के अंतर्गत कैंसर, पार्किंसन, पैरालिसिस, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, थैलेसीमिया, हिमोफिलिया, गुर्दे की विफलता या अन्य कोई रोग जो स्थाई रूप से रोगी को अक्षम करते हों, ऐसे रोगियों को हर महीने दो हजार रुपये मिलेंगे। यह मदद बीपीएल व 4 लाख तक की सालाना आय वाले परिवारों को मिलेगी। जो सरकारी कर्मचारी व पैंशनर चिकित्सा प्रतिपूर्ति लेते हैं वे इस स्कीम के तहत पात्र नहीं हैं।
इन दस्तावेजों के साथ करें आवेदन
जीवन प्रमाण पत्र, बीमारी के दस्तावेज, स्थाई पते का प्रमाण पत्र, फोटोयुक्त पहचान कार्ड जैसे आधार कार्ड, वोटर कार्ड आदि, बीपीएल प्रमाण पत्र या आय प्रमाण पत्र और बैंक खाते की पूर्ण जानकारी।
उक्त दस्तावेजों के साथ अपने क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता, बहुद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता, खण्ड चिकित्सा अधिकारी अथवा मुख्य चिकित्सा अधिकारी से सीधे सम्पर्क करें।
क्या कहते हैं जिलाधीश
जिलाधीश ऋग्वेद ठाकुर का कहना है कि सहारा योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए वरदान साबित होगी। इसके अंतर्गत सरकार जरूरतमंद लोगों को वित्तीय सहायता के साथ-साथ सामाजिक सुरक्षा देगी।
दीन दुखियों को हिमाचल सरकार का ‘सहारा
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