डा. रामलाल मारकंडा ने की 145 जनशिकायतों की सुनवाई

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आनी/चमन शर्मा

आवाज जनादेश आनी के जिला कुल्लू के जिले के निरमंड विकास खंड में आयोजित किया गया 12वां जनमंच जिले की दूरदराज 12 ग्र्राम पंचायतों के लोगों के लिए राहत का सबब साबित हुआ है। इन पंचायतों के लोगों को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए 200 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करके जिला मुख्यालय जाना पड़ता है लेकिन प्रदेश सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम जनमंच में इन लोगों की अधिकांश समस्याओं की सुनवाई कृषि, जनजातीय विकास और सूचना प्रौद्योगिकी डा. रामलाल मारकंडा ने बड़े सौहार्दपूर्ण वातावरण में की और लोगों को मौके पर ही इनका संतोषजनक समाधान दिया।रविवार को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला निरमंड के परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डा. मारकंडा ने कहा कि जनमंच प्रदेश सरकार का एक फ्लैगशिप तथा महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है और इसकी लोकप्रियता को देखते हुए देश के अन्य राज्य भी इस प्रकार के कार्यक्रम को अपनाने की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनमंच की विशेषता है कि जनता सीधे-सीधे सरकार के साथ संवाद करती है। इससे न केवल उनकी समस्याओं की जानकारी मिलती है, बल्कि सरकार की अनेक कल्याणकारी नीतियों व कार्यक्रमों के बारे में फीडबैक प्राप्त होता है तथा इन योजनाओं का सीधा लाभ पात्र लोगों तक पहुंचाने में भी मदद मिलती है। कृषि मंत्री ने अधिकारियांे से कहा कि वे जनमंच की भावना को समझें और आम लोगों की समस्याओं को तुरंत दूर करने का प्रयास करें। प्री-जनमंच कार्यक्रमों के दौरान फील्ड में जाकर जनसमस्याओं का समाधान करें।
145 जनशिकायतों की हुई सुनवाई


जनमंच के दौरान निरमंड विकास खंड की 12 ग्राम पंचायतों निरमंड, त्वार, निशानी, भालसी, बाहवा, गडेज, बाड़ी, पोषणा, तुनन, कुशवा, खरगा और सरगा की कुल 115 जनसमस्याओं की सुनवाई की गई। ये सभी जनसमस्याएं जनमंच से पहले ही ई-समाधान से प्राप्त हुई थीं। इनमें से अधिकांश जनसमस्याओं का समाधान मौके पर ही कर दिया गया। कृषि मंत्री ने अधिकारियों को अन्य जनशिकायतों का अतिशीघ्र निपटारा करने के निर्देश दिए। इसके अलावा लोगों ने मौके पर लगभग 30 जनसमस्याएं कृषि मंत्री के समक्ष रखीं, जिनमें से अधिकांश का समाधान उन्होंने मौके पर ही कर दिया और कुछ शिकायतों को निपटारे के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए।
168 गैस कनैक्शन बांटे, 13 कन्याओं के नाम की एफडी
इस अवसर पर कृषि मंत्री हिमाचल गृहिणी सुविधा योजना के तहत 168 महिलाओं को गैस कनैक्शन और बेटी है अनमोल योजना के अंतर्गत 13 कन्याएं के नाम एफडी के दस्तावेज प्रदान किए। कृषि मंत्री ने बताया कि इस जनमंच के तहत 12 पंचायतों में हिमाचल गृहिणी सुविधा योजना का शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया गया है। अब इन पंचायतों में सभी परिवारों को गैस कनैक्शन मिल चुके हैं। जनमंच के दौरान स्वास्थ्य विभाग ने जांच शिविर भी लगाया, जिसमें लगभग 120 लोगों के स्वास्थ्य की जांच की गई।राजस्व विभाग ने लोगों को विभिन्न प्रमाण पत्र मौके पर ही बनाकर दिए एचआरटीसी के अधिकारियों ने बस किराये में छूट से संबंधित 52 कार्ड तैयार किए इस अवसर पर विधायक किशोरी लाल सागर ने जनमंच को मुख्यमंत्री की दूरदर्शी सोच से उपजा एक बहुआयामी कार्यक्रम बताते हुए कहा कि इससे गांव के लोगों को बड़ी राहत मिली है। उनकी समस्याओं का समाधान तुरंत मौके पर ही हो रहा है। जनमंच के दौरान उपायुक्त डा. ऋचा वर्मा,एपीएमसी के अध्यक्ष अमर ठाकुर, जिला परिषद अध्यक्ष रोहिणी चैधरी, विभिन्न पंचायतों के जनप्रतिनिधि, जिला एवं उपमंडल स्तर के अधिकारी, महिला एवं युवक मंडल के पदाधिकारी तथा बड़ी संख्या में 12 पंचायतों के लोग मौजूद रहे।
सोलर ड्रिप सिंचाई पर 100 प्रतिशत सब्सिडी, प्राकृतिक खेती को 45 करोड़: मारकंडा
एक वर्ष में कम किया 7 करोड़ के खतरनाक कीटनाशक और रसायनों का प्रयोगकृषि, जनजातीय विकास और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री डा. रामलाल मारकंडा ने कहा है कि प्रदेश सरकार सामूहिक सोलर ड्रिप सिंचाई योजनाओं पर100 प्रतिशत सब्सिडी देगी निजी सोलर ड्रिप सिंचाई योजनाओं के लिए भी 90 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया जा रहा है रविवार को आनी विधानसभा क्षेत्र की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला निरमंड में जनमंच कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डा.मारकंडा ने बताया कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुणा करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को साकार करने के साथ-साथ प्रदेश सरकार हिमाचल को प्राकृतिक खेती राज्य बनाने की दिशा में तेजी से कार्य कर रही है इसके लिए प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक खेती, खुशहाल किसान’ योजना आरंभ की है सरकार ने इस वित वर्ष में प्राकृतिक खेती के लिए 45 करोड़ रुपये का बजट रखा है इस योजना के तहत किसानों को देसी गाय और आवश्यक सामग्री पर 25 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी डा.मारकंडा ने बताया कि प्रदेश सरकार की इस योजना के काफी उत्साहजनक परिणाम सामने आ रहे हैं पिछले एक वर्ष के दौरान ही कृषि विभाग ने प्रदेश में खतरनाक कीटनाशकों और रासायनिक खाद के प्रयोग में लगभग 7 करोड़ रुपये तक की कमी लाने में सफलता हासिल की है डा.मारकंडा ने कहा कि केंद्रीय बजट में भी इस बार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की घोषणा की है और इसमें हिमाचल प्रदेश एक अग्रणी राज्य बनकर उभर सकता है कृषि मंत्री ने किसानों से आग्रह किया कि वे हिमाचल को संपूर्ण प्राकृतिक खेती राज्य बनाने में सहयोग दें डा.मारकंडा ने कहा कि अब केंद्र और प्रदेश सरकार ग्राम पंचायतों को सीधे भारी-भरकम बजट प्रदान कर रही है प्रत्येक नागरिक को ग्राम सभा की बैठको में भाग लेकर इस बजट का सदुपयोग सुनिश्चित करना चाहिए उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतें आवारा पशुओं के लिए गौशाला निर्माण और कूड़े-कचरे का उपयुक्त प्रबंधन भी सुनिश्चित करें

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