ओएसए च्वाई ने परमवीर चक्र विक्रम बत्रा को किया याद
07/07/2019
आवाज जनादेश
साहयोगी
आज तक केसरी
हिमाचल प्रदेश
आनी
चमन शर्मा
कविता और पेंटिंग के ज़रिए दी श्रदांजलि……………….
अगर मैं युद्ध में मरता हूं तब भी तिरंगे में लिपटा आऊंगा और अगर जीतकर आता हूं,तब अपने ऊपर तिरंगा तपेटकर आऊंगा, देश सेवा का ऐसा मौका कम ही लोगों को मिल पाता है। ये बातें थी 24 साल के कैप्टन विक्रम बत्रा की। कैप्टन विक्रम बत्रा कारगिल युद्ध में 7 जुलाई को शहीद हो गए थे। इस मौके पर सहभागिता टीम आनी ने भी कार्यक्रम का आयोजन किया । कार्यक्रम में सहायक प्रबन्धक हिमाचल ग्रामीण बैंक चवाई अनिल ने छात्र-छत्राओं को संबोंधित करते हुए कहा कि देश के लिए अपने प्राणों को कुर्बान कर देने वाले जाबांज को आज फिर से याद करने का मौका है । उन्होंने ओएसए टीम द्वारा किये जा रहे समाज हित कार्यों की भी प्रशंसा की ओएसए टीम के महासचिव दिवान राजा ने कहा कि कारगिल युद्ध के हीरो रहे कैप्टन विक्रम बत्रा की बहादुरी के कारण ही उन्हें भारतीय सेना ने शेरशाह तो पाकिस्तानी सेना ने शेरखान नाम दिया था। मात्र 24 साल की उम्र में देश के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर करने वाले इस जांबाज की बहादुरी के किस्से आज भी याद किए जाते हैं। उनकी बहादुरी को देखते हुए ही कै. विक्रम बत्रा को भारत सरकार ने परमवीर चक्र से अलंकृत किया था। शहीद कैप्टन बत्रा के कहे गए ये अंतिम शब्द आज युवा पीढ़ी को प्रेरणा देते हैं। उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध के जांबाज योद्धाओं की यादों को ताजा रखने के लिए उनके बारे में पाठ्य पुस्तकों में पढ़ाया जाना चाहिए। इस अवसर पर भाषण,कविता पाठ, पेंटिंग जैसी प्रतियोगिताएं आयोजित हुई । सीनियर वर्ग में नेहा ,सुनील ने पहला ,मीनाक्षी ने दूसरा तथा न्यासा ने तीसरा स्थान हासिल किया । जूनियर वर्ग में मिष्ठी ,ज्योत्स्ना ने पहला , रितिक ने दूसरा और यान ने तीसरा स्थान हासिल किया युग ,ज्योत्स्ना,मीनाक्षी और रितिक ने वीरों की शहादत पर आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया इस दौरान विजेता प्रतिभागियों को सहायक प्रबन्धक अनिल कुमार द्वारा सम्मानित भी किया गया इस अवसर पर मुख्यातिथि अनिल कुमार के साथ हरिभजन ,गोविंद सिंह,तनिश,राहुल,बंटी, शालू सहित अन्य मौजूद रहें
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