केंलाग में सीबकथार्न का मूल्य श्रृंखला प्रबन्धन शीर्षक पर एक दिवसीय संगोष्ठी आयोजित
06/07/2019
आवाज जनादेश
साहयोगी
आज तक केसरी
हिमाचल प्रदेश
कुल्लू
विनोद महंत
ब्यूरो कुल्लू
खबर – मंडी डैस्क कार्यालय
कबाईली जिला लाहौल-स्पिति जिला के मुख्यालय,केंलाग में सीबकथार्न का मूल्य श्रृंखला प्रबन्धन शीर्षक पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन गोबिन्द बल्लभ पन्त राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण एवं सत्त विकास संस्थान,हिमाचल क्षेत्रीय केन्द्र मौहल-कुल्लू एवं भारतीय तकनीकी संस्थान,नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में उपायुक्त कार्यालय केलांग के सम्मेलन भवन में किया गया जिसकी अध्यक्षता करते हुए उप-मंण्डलाधिकारी नागरिक अमर नेगी ने बताया कि सीबकर्थोंन (छरमा) की खेती को लाहौल स्पिति के किसान अपनाकर इसे विख्यात करने के लिए वैज्ञानिक विधि से पौध रोपण करें ताकि इससे एक ओर जहां पर्यावरण संरक्षण को बल मिलेगा वहीं दूसरी ओर किसानों की आमदनी में इजाफा होगा साथ ही लोगों के स्वस्थ्य के लिए सीबकर्थोंन (छरमा) से बने उत्पाद लाभकारी सिद्व होंगें।उन्होंने संगोष्ठी में आए किसानों से आहवान किया कि वह सीबकर्थोंन (छरमा) की खेती पर विज्ञानिकों के द्वारा किए गए शोद्व व तकनीकों का भरपूर फायदा उठांए।इस अवसर पर सीबकर्थोंन(छरमा)की खेती पर किए गए शोद्व एवं सन्दर्भ पर प्रकाषति पुस्तिका का विमोचन भी किया।इससे पूर्व गोबिन्द बल्लभ पन्त संस्थान के वैज्ञानिक एवं कार्यषाला के आयेाजक डा0 सरला शाषनी ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया और बताया कि इस कार्यषाला के आयोजन से घाटी के किसानो को सीबकर्थोंन (छरमा) की खेती से जुड़ी सारी जानकारी देना मुख्यतः उदेष्य है उन्होंने बताया कि संस्था घाटी के किसानों को एक विपणन मंच प्रदान करने के साथ छरमा की खेती के लिए उच्च किस्म के पौध के बारे में जानकारी देगी जिससे उन्हें इसके अच्छे दाम प्राप्त होंगे। डॉ0 सरला ने बताया कि संस्थान जिले में एक एकत्रीकरण केन्द्र कीर्तिंग में स्थापित कर दिया गया है जहां किसानों को सीबकर्थोंन (छरमा) के उत्पाद बनाने,पेकिंग व मूल्य वृद्वि व मारकिटिंग सम्बन्धी सभी जानकारी उपलब्ध करवाई जाएगी ताकि किसानों का इसकी खेती की ओर रूझान बढ़े और किसान अधिक मुनाफा कमा सके।कार्यषाला में विभिन्न संस्थानों जैसे कि चौधरी सरवन कुमार कृषि विष्वविधालय पालमपुर,हिमालयी जैवसम्पदा प्रधौगिकी संस्थान पालमपुर, भारतीय तकनीकी संस्थान,नई दिल्ली तथा गोबिन्द बल्लभ पन्त संस्थान के वैज्ञानिक सीबकर्थांेन के विभिन्न चरणों में आने वाली परेषानियों और उनके समाधान के बारे में जानकारी दी।इस संगोष्ठी में घाटी के किसानों ने भाग लिया और सीबकर्थोंन (छरमा) की खेती के बारे में विज्ञानिकों से सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त की
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