आवाज़ जनादेश / हिमाचल में 266 ड्राइविंग स्कूल हैं, जहां लोग ड्राइविंग सीखते हैं। सरकार की ओर से यह व्यवस्था की जा रही है कि स्कूल मालिकों के पास अब अपना भवन होना चाहिए।
प्रैक्टीकल के लिए 7 से 8 गाड़ियां, क्लास रूम, जिनमें सीसीटीवी कैमरे लगे हों आदि की व्यवस्था होना अनिवार्य किया जा रहा है। बड़ी बात यह है कि यह परीक्षा न तो परिवहन विभाग लेगा और न ही ड्राइविंग स्कूल का मालिक। थर्ड पार्टी अभ्यर्थियों की लिखित और प्रैक्टीकल परीक्षा लेगी।
परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों को आईटीआई के माध्यम से प्रमाण पत्र मिलेगा। इसके बाद ही ये लोग व्यावसायिक वाहन चला सकेंगे। यहीं नहीं, ये लोग इस प्रमाण पत्र के माध्यम से सरकारी नौकरी के लिए भी आवेदन कर सकेंगे। परीक्षा में फेल होने पर दोबारा परीक्षा देनी होगी।
रोड सेफ्टी के तहत प्रदेश सरकार हिमाचल में यह व्यवस्था करने जा रही है। हिमाचल में स्कूल मालिकों के पास एक से दो गाड़ियां हैं। 40 दिन लोगों को ड्राइविंग सिखाई जाती है। इसके बाद ये लोग गाड़ी चलानी शुरू कर देते हैं। परिवहन विभाग का दावा है कि हिमाचल में जो दुर्घटनाएं हो रही हैं, उसका एक कारण यह भी है।