“भारत का भविष्य और प्रौद्योगिकी” संगोष्ठी पर अजय शर्मा ने न्यूटन की खामियां गिनाई।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में 22 मई को “भारतीय विज्ञान संघ” ने आयोजित की थी संगोष्ठी।
व्याख्यान के दौनान अजय शर्मा ने न्यूटन की पुस्तक प्रिसीपिया (1686) और स्कूली स्तर की पुस्तकेंदिखा कर अपने दावे को सशक्त किया।
अजय शर्मा ने व्याख्यान के दौरान दर्शाया कि न्यूटन ने प्रिसीपिया (1686) में एक गलत स्टेटमैंट दी है।विश्वभर में स्कूली स्तर से न्यूटन के विरोधाभाषी नियम को पढ़ाया जा रहा है। वैज्ञानिक मौन क्यों हैं?
**न्यूटन ने प्रिसीपिया (1686) के पृष्ठ 388 पर लिखा है कि निर्वात ( vacuum ) में ’पक्षी का कोमल पंख’ और ’भारी सोने की वस्तु’ एक समान गति (uniform velocity ) से नीचे गिरती है। न्यूटन ने यह स्टेटमैंट पुस्तकप्रिंसीपिया (1686) भाग 3, पृष्ठ संख्या 388 पर दी है। परन्तु विश्वभर में इससे विपरीत विज्ञान पठाया जाता है
****राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, (NCERT) नई दिल्ली की नवीं कक्षा की पुस्तक केदसवे अघ्याय के पृष्ठ संख्या 150-151 न्यूटन के कथन से विरोधाभासी नियम है। इसमें प्रयोगों के आधार परस्पष्ट लिखा है कि ’पक्षी का कोमल पंख’ या ’ सोने की भारी वस्तु’ ’ असमान गति’ (non-uniform velocity) यासमान त्वरण (uniform acceleration) से नीचे गिरती है।
इस तरह न्यूटन की गुरूतवाकर्षण (Gravitation ) की समझ पर ही प्रश्न चिन्ह लगता है।
इसी विषय पर जुलाई माह में शर्मा ‘अमेरिकन एसोसियेसन आॅफ फिजिक्स टीचरज’ की कान्फरैंस अमेरिका मेंव्याख्यान देगे।
अजय शर्मा को इसी महीने ‘संयुक्त राज्य अमेरिका ‘ ( USA) ने भी दस साल का वीजा प्रदान किया है। इस वीजा सेअजय शर्मा अमेरिका जा कर विज्ञानिकों से विचारों का आदान-प्रदान कर सकेंगे .