आवाज जनादेश /राजगढ़
आधुनिक एवं आध्यात्मिक शिक्षा के हब व उतर भारत के एकमात्र कन्या विश्वविद्यालय। बडू। साहिब के वनस्पति विज्ञान विभाग द्वारा आज से दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार आरंभ हो गया इस समिनार का शुभारंभ महान संत एव विश्व विधालय के कुलपति बाबा इकबाल सिह किंगरा द्वारा किया गयि
इस सेमिनार मे जीव विज्ञान और वातावरण में नई दिशा की और प्रगति की विस्तृत जानकारी हेतु आयोजित की जा रही है।
इस मौका पर बोलते हुये इकबाल सिह किंगरा ने कहा कि वैज्ञानिकों को प्रकृति के वास्तविक स्वरूप का सम्मान करना चाहिए तथा उसी के अनुरूप शोध कार्य की दिशा निर्धारित करनी चाहिए वहीं कुछ सामाजिक कार्यकर्ता जो पर्यावरण के जवलंत मुद्दों पर कार्य कर रहे है, वह समस्याओं को तो उजागर कर देते है मगर उसका निराकरण की तरफ विशेष ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जलवायु पृष्ठ भूमि के अनुरूप ही प्रगति करने दी जाए। जिससे वन्य जैविक प्रजातियों का अस्तित्व विलुप्त न हो।
वैज्ञानिक बीडी शर्मा ने हिमालय क्षेत्र में औषधीय पौधों के बारे में अपना वैज्ञानिक अनुभव प्रतिभागियों के साथ साझा किया, वहीं सम्मेलन के प्रमुख प्रवक्ता पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के प्रोफेसर एएस अहलूवालिया ने फायकॉलोगिकल अनुसंधान में नए परिवर्तनों की विस्तृत जानकारी दी। तकनीकी सेशन में डॉ प्रीतेश व्यास ने गेहूं की विभिन्न प्रजातियों में रोग प्रतिरोधक क्षमता के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी साझा की। डॉ सुशील कालिया ने वेस्ट मेटेरियल पर चर्चा की। इटरनल यूनिवर्सिटी बड़ू साहिब की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ नीलम ठाकुर ने टमाटर में ” निमिटोडस ” ( गोल कृमि ) के रोग की रोकथाम बारे विस्तृत तौर पर अपने वक्तव्य में जानकारी साझा की। सम्मेलन के कॉन्वेनर डॉ प्रदीप सिंह ने बताया की प्रमुख वक्ता विभिन्न यूनिवर्सिटी व शोध संस्थानों के वैज्ञानिक और प्रोफेसर सम्मलेन में भाग ले रहे है। डॉ श्री वास्तव ने बताया की इस सम्मेलन में वातावरण,औषधीय पोधो ,बायोएनार्जी ,नैनो टेक्नोलॉजी आदी विषयों पर चर्चा और शोध पत्र प्रस्तुत किये गए। यूनिवर्सिटी टी पी ओ कुलदीप सिंह ने बताया की सम्मेलन सम्मेलन में प्रमुख भूमिका में डॉ सोहल, डॉ नीलम, डॉ करण, डॉ सुरजन आदि की रही। सम्मेलन संरक्षक वाइस चांसलर डॉ एचएस धालीवाल ,डॉ बोपाराय डीन एकेडमिक्स रहे।3 Attachments