धर्मशाला, 04 सितंबर: अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य बीके अग्रवाल ने कहा कि नशे के दलदल में फंसी युवा पीढ़ी को बचाने की चिंता पूरे समाज को करनी होगी। अग्रवाल ने कहा कि नशा एक सामाजिक बुराई है और इससे समग्रता से निपटने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि नशे की समस्या ये निपटने के लिए हिमाचल सरकार प्रभावी प्रयास कर रही है, लेकिन इन प्रयासों की सफलता के लिए सारे समाज के समन्वित प्रयत्न जरूरी हैं। नशा एक मानसिक, सामाजिक और चिकित्सकीय समस्या है और इसके इलाज के लिए व्यक्ति, परिवार, दोस्त, समाज, सरकार और कानून को साथ मिलकर एक दिशा में काम करना पड़ेगा।
बीके अग्रवाल मंगलवार को धर्मशाला में उपायुक्त कार्यालय सभागार में आयोजित स्वास्थ्य, पुलिस व जिला न्यायवादी कार्यालय के अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में स्वास्थ्य संस्थानों में नशा रोगियों के लिए ओपीडी सुविधा मुहैया करवाने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। इसे लेकर शीघ्र ही केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। उन्होंने नशे की समस्या से जूझ रहे युवाओं के लिए क्षेत्रीय अस्पताल धर्मशाला तथा टांडा में जांच सुविधा को और मजबूत करने पर विशेष ध्यान देने को कहा।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जिला के सभी स्कूलों में स्वास्थ्य जांच शिविरों का आयोजन किया जाए। इन शिविरों में स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञ चिकित्सक बच्चों में पाए जाने वाले विभिन्न रोंगों की जांच करें तथा उन्हें रोगों से बचाव का परामर्श दें। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे स्कूलों में अध्यापकों तथा बच्चों को जागरूक कर सकें।
उन्होंने ड्रग्स निरीक्षकों को स्कूल व कॉलेजों के नजदीक खुले दवा विक्रेताओं तथा अन्य स्थानों पर समय समय पर स्वयं जाकर निरीक्षण करने को कहा। उन्होंने कहा कि कोई भी दवा विक्रेता बिना पर्ची के प्रतिबंधित दवाईयों को बेचते हुए पाया जाए तो उसके विरूद्ध कड़ी कार्यवाही हो।
इससे पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव ने सिद्धबाड़ी स्थित क्षेत्रीय संसाधन प्रशिक्षण केन्द्र-2 गुंजन (आर.आर.टी.सी.-2) का दौरा किया। इस मौके गुंजन संस्था के निदेशक संदीप परमार ने उन्हें नशा निवारण की दिशा में संस्था द्वारा चलाई जा रही विभिन्न गतिविधियों एवं कार्यों बारे अवगत करवाया।
बीके आग्रवाल ने कांगड़ा रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा प्रयास भवन में संचालित नशा निवारण एवं पुनर्वास केंद्र का निरीक्षण भी किया। वे केंद्र में नशे की लत से छुटकारा पाने के लिए भर्ती व्यक्तियों से मिले तथा उन्हें नशे की गिरफ्त से बाहर निकलने के लिए प्रोत्साहित करते हुए उनका हौंसला बढ़ाया।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक संतोष पटियाल, अतिरिक्त उपायुक्त केके सरोच, मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरएस राणा, टांडा मेडीकल कॉलेज के प्राचार्य भानु अवस्थी, मनोचिकित्सा डॉ अनीता ठाकुर सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।