2 सितंबर को देव सदन कुल्लू में लेखक व कवि अपने लेखों से देंगे श्रद्धांजलि
आथर्ज़ गिल्ड ऑफ हिमाचल के संस्थापक अध्यक्ष जयदेव विद्रोही ने एक शोक सभा मे कहा कि अटल विहारी वाजपेयी भारतीय वांग्मय का अटल सूरज डूब गया,राजनीति के प्रकांड विद्वान तो थे ही वाणी में ओज औऱ सरस्वति का वास था।इसी के बीच उनकी शेर जैसी दहाड़ और समय पर निर्णय क्षमता इतिहास और संस्कृति के अजातशत्रु, लेखन के शिखर पुरुष चट्टान से अडिग इसपर साधारण लोगों के बीच सौम्य स्वभाव उनका परिचय था।उनके दिवंगत हो जाने पर विरोधियों को भी आंसू बहाते देखा है।राजनीतिक पकड़ का अतिज्वलन्त उदाहरण यह है कि कांग्रेस के प्रबल विरोधी रहे अटल जी को कश्मीर मुद्दे पर कांग्रेस ने ही उनपर विश्वास रखते हुए यू0 ऐन0ओ0 में भारत का प्रतिनिधित्व की जिम्मेदारी उनको सौंपी थी जिसे बड़ी ख़ुश आसलूबी से निबटाया ही नहीं था बल्कि विदेशी मीडिया को पूछने पर विवश कर दिया था कि आप तो विरोधी पक्ष के हैं।
वाजपेयी जी राजनीति के चाणक्य थे ,साहित्य के पुरोधा और वाणी के धुरंदर । तर्क में उनके आगे कोई टिक नही सकता था । बिद्रोही ने सभी वर्गों का आह् वान करते हुए कहा है कि लेखक तोड़ता नही जोड़ता है इसलिए सब भेद भाव घर मे छोड़कर कृप्या 2 सितम्बर 2018 को देव सदन कुल्लू में 2 बजे अपने मार्ग दर्शक वाजपेयी जी को श्रद्धांजलि के रूप में श्रद्धासुमन अर्पित करें । बिद्रोही ने सभी लेखक वर्ग से ये अपेक्षा की है कि किन्ही भी मानवीय मूल्यों से जुड़े संस्मरणो का स्वागत तो होगा एवं साहित्य एवं संस्कृति के कोई भी अंश समारोह में प्रस्तुत किये जा सकते है जबकि राजनीतिक चर्चा का इसमे कोई भी प्रसंग मान्य ही नही होगा ।इस कार्यक्रम के मुख्यातिथि जाने माने वक़ील सुरेंद्र खन्ना होंगे जो शुरू से आज तक उनके सानिध्य में रहे हैं।