संगठन भारती के जिला सम्मेलन के समापन अवसर पर कहा शहरी विकास मंत्री
आवाज़ जनादेश धर्मशाला, 12 अगस्त -शहरी विकास, आवास एवं नगर नियोजन मंत्री सरवीन चौधरी ने कहा कि किसी भी अखंडता के लिए संास्कृतिक भाषा एक आवश्यक वैचारिक आधार है। संस्कृत भाषा सभी भारतीय भाषाओं की जननी होने के कारण सभी देशवासियों को एकत्रित करने की भूमिका बहुत प्रभावी ढंग से निभा सकती है।भारत का प्राचीन चिंतन विचार एवं जीवन संस्कृत के माध्यम से ही विकसित हुआ है। वेे आज केन्द्रीय विश्वविद्यालय धौलाधार परिसर के सेमीनार हॉल में संस्कृत भारती कांगड़ा द्वारा आयोजित जिला सम्मेलन के समापन समारोह में बतौर मुख्यातिथि शिरकत करने के उपरांत बोल रही थीं।
शहरी विकास मंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में संस्कृत को दूसरी भाषा का दर्जा दिलवाने की दिशा में प्रयास किये जायेंगे ताकि संस्कृत और संस्कृति के उत्थान का मार्ग प्रशस्त हो सकें।
शहरी विकास मंत्री ने कहा कि दर्शन, साहित्य, विज्ञान, ज्योतिष, वास्तुकला, आयुर्वेद, योग, गणित, संगीत आदि जीवन के प्रत्येक क्षेत्र ज्ञान कोष की कुंजी संस्कृत है। इन विषयों के विशेषज्ञ संस्कृत भाषा के ज्ञान से सम्पन्न होकर महत्वपूर्ण एवं अधिक प्रभावी कार्य करने में समर्थ हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि वेदकाल से लेकर वर्तमान तक भारतीय संस्कृत भाषा निरतर रूप से प्रवाहमान है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में भी हजारों लोगों की व्यवहार भाषा संस्कृत है।
सरवीन चौधरी ने कहा कि संस्कृत भाषा हमारी सांस्कृतिक पहचान है। उन्होंने कहा कि सरकार इसके विकास प्रसार के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। उन्होंने संस्कृत भारती की ओर संस्कृत के प्रचार-प्रसार के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने सम्मेलन को करवाने के लिए संस्कृत भारती को शुभकामना दी और कहा कि संस्कृत एक ऐसी भाषा है जिससे हमें जीवन को सही मार्ग पर ले जाने की प्रेरणा मिलती है एवं बहुत सारी विकृतियां इस भाषा को व्यवहार में लाने व बोलने मात्र से दूर होे जाती है।
शहरी विकास मंत्री ने संस्कृत भारती के आयोजकों को बीस हजार रुपये देने की घोषणा की।
इस दौरान विज्ञान एवं वस्तु प्रदर्शन का भी आयोजन किया गया था, जिसका शहरी विकास मंत्री सरवीन चौधरी ने अवलोकन किया।
इस अवसर पर एसडीएम धर्मेश रमोत्रा, तहसीलदार संजीव नेगी, अध्यक्ष भूषण रैणा, मुख्यवक्ता जय प्रकाश, विशिष्ट अतिथि सुनील मिनोचा सहित संगठन के विद्यार्थी सहित गणमान्य लोग उपस्थित थे।