डीसी ने युवाओं से किया संवाद, कैरियर मैनेजमेंट के टिप्स दिए

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उद्योग विभाग ने कुल्लू कालेज में आयोजित की कार्यशाला
   उद्योग विभाग की मुख्यमंत्री स्टार्टअप योजना व अन्य योजनाओं की जानकारी युवाओं तक पहुंचाने तथा उनके कैरियर से संबंधित महत्वपूर्ण मार्गदर्शन के लिए मंगलवार को स्नातकोत्तर महाविद्यालय कुल्लू में एक कार्यशाला आयोजित की गई। जिला उद्योग केंद्र द्वारा महाविद्यालय की कैरियर गाइडेंस व काउंसिलिंग सैल के सहयोग से आयोजित इस कार्यशाला में जिलाधीश यूनुस ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की।
  कार्यशाला के समापन सत्र को संबोधित करते हुए जिलाधीश ने युवाओं से कहा कि वे अपने सपनों को पूरा करने के लिए सकारात्मक सोच के साथ निरंतर मेहनत करें। उन्होंने कहा कि पढ़ाई में निरंतरता से अपने आप ही आत्मविश्वास बढ़ता जाता है और यहीं से सफलता की शुरुआत होती है। इस अवसर पर जिलाधीश ने विद्यार्थियों से सीधा संवाद करते हुए उन्हें कैरियर से संबंधित कई महत्वपूर्ण जानकारियां दीं तथा अपने व्यक्तिगत अनुभव भी साझा किए। उन्होंने बताया कि युवाओं के मार्गदर्शन के लिए भविष्य में भी इस तरह के मार्गदर्शन कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे तथा जिला पुस्तकालय का विस्तार किया जाएगा।
   इससे पहले जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक पवन भारद्वाज ने उद्योग विभाग की विभिन्न योजनाओं विशेषकर मुख्यमंत्री स्टार्टअप योजना की विस्तृत जानकारी दी तथा युवाओं से इन योजनाओं का लाभ उठाने की अपील की। उन्होंने कहा कि आज के युवा को नौकरी मांगने वाला नहीं, बल्कि नौकरी देने वाला बनना चाहिए। नए आइडिया के साथ अपना कारोबार शुरू करने वाले युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार और उद्योग विभाग हमेशा तत्पर है। ऐसे युवाओं की सुविधा के लिए आईआईटी मंडी, बागवानी विश्वविद्यालय नौणी, कृषि विवि पालमपुर, जेपी विवि वाकनाघाट और अन्य संस्थानों में इनक्यूबेटर स्थापित किए गए हैं।
   कार्यशाला के दौरान आईआईटी मंडी के सहायक प्रोेफैसर डा. वरुण दत्त ने स्टार्टअप योजना के उद्देश्यों और इसको प्रोत्साहित करने के लिए आईआईटी मंडी में स्थापित इनक्यूबेटर ‘कैटालिस्ट’ की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यदि किसी युवा के पास कोई नया आइडिया है और वह उस पर काम करना चाहता है तो उसे आईआईटी मंडी के इनक्यूबेटर ‘कैटालिस्ट’ के माध्यम से डेढ लाख रुपये तक आर्थिक मदद मिल सकती है। प्रारंभिक सफलता के बाद उक्त प्रोजेक्ट को स्थापित करने के लिए 10 से 15 लाख रुपये तक मदद दी जा सकती है।
   इस अवसर पर आईआईटी के पूर्व विशेषज्ञ डा. धवन, जिला उद्योग केंद्र के प्रबंधक राजेंद्र सिंह और उप जिला सूचना विज्ञान अधिकारी राजीव ठाकुर ने भी युवाओं का मार्गदर्शन किया। प्रधानाचार्य डा. नंदलाल शर्मा ने जिलाधीश, विभिन्न वक्ताओं और अन्य अतिथियों का स्वागत किया, जबकि कैरियर गाइडेंस व काउंसिलिंग सैल की संयोजक डा. शैफाली ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यशाला का संचालन भौतिकी विभाग के प्रोफैसर डा. अनूप कुमार ने किया।

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