प्लास्टिक की बोतले व कैन कूड़ा उठाने वाले वाहन को दें:- उपायुक्त विवेक भाटिया।
पर्यावरण संरक्षण के लिए आमजन निभाएं अपनी महत्वपूर्ण भूमिका
बिलासपुर 16 जुलाई:- पर्यावरण संरक्षण के लिए साकारात्मक पहल को अंजाम देते हुए जिला प्रशासन ने प्लास्टिक कचरे का सही उपयोग करने के लिए नवीनतम सोच अपनाई है। जिसके तहत प्रशासन ने निर्णय लिया है कि जिला के हर व्यक्ति को पर्यावरण संरक्षण के प्रति सजग करने के लिए ज़िला बिलासपुर में फैले प्लास्टिक कचरे का सदुपयोग करते हुए एक विशालकाय पर्यावरण संरक्षण का संदेश देती हुई प्रेरणाप्रद आकृति का निर्माण कार्य आरंभ किया गया है। जिसके लिए उपायुक्त विवेक भाटिया ने निर्णय लिया है कि क्यों न इस मुहिम में बिलासपुर शहर के हर घर और हर व्यक्ति को जोड़ा जाए। उन्होंने बताया कि इस मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए शहर से बोतले इक्क्ठा करने के लिए विशेषकर नगर परिषद के हर वार्ड के कूड़ा कुलेक्शन वाहनों की जिम्मेदारी सुनिश्चित की गई है। उन्होंने बताया कि हर घर के लोग भी अपनी नैतिक जिम्मेवारी का निर्वहन करते हुए घर में खाली पड़ी प्लास्टिक की बोतलों को इन वाहनों को सौंपे ताकि उसका प्रयोग जिला में भव्य विशालकाय आकृति के निर्माण में प्रयोग किया जा सके। उन्होंने बताया कि जिला में भव्य विशालकाय मूर्ति का निर्माण प्रदेश के सुविख्यात मूर्तिकार विजयराज उपाध्याय द्वारा किया जा रहा है।
उपायुक्त ने बताया कि बिलासपुर प्रदेश का पहला ऐसा जिला होगा जो पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के लिए खाली / बेकार पड़ी प्लास्टिक की बोतलों का संग्रह कर उन्हें उपयोग में लाकर मूर्ति का निर्माण कर रहा है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि वे पर्यावरण के प्रति अपनी सजगता व कत्तव्र्य निष्ठा दर्शाते हुए अपने आस-पास फैले प्लास्टिक बोतल और कैन को इक्टठा करके नगर परिषद कार्यालय में तथा कूड़ा उठाने वाले वाहन को दें ताकि उसका सदुपयोग किया जा सके।
उन्होंने बताया कि समाज़ में बढ़ रही प्लास्टिक की ज्वलंत समस्या से निपटने के लिए एक नई पहल को अमलीजामा पहनाना शुरू किया है जिसके तहत उन्होंने ज़िला के नागरिकों, होटल, ढ़ाबा मालिकों, शैक्षिणक संस्थानों व स्वय सेवी संस्थाओं से आहवान किया है कि पर्यावरण संरक्षण के लिए और शहर की सुदंरता को बनाए रखने के लिए इस पुनीत कार्य में अपना बढ़-चढ़ कर सहयोग दे।
उन्होंनंे बताया कि प्लास्टिक का कचरा ज़हर से कम नही है और प्लास्टिक के कचरे की समस्या से आज कोई गांव, शहर अछुते नही है। वर्तमान में जगह-जगह प्लास्टिक की बोतल और कैन बिखरे पड़े रहते है इसलिए आने वाले समय में बढ़ते हुए इस खतरे को किसी भी कीमत पर दर-किनार नही किया जा सकता। उन्होंने बताया कि प्लास्टिक का कचरा इन्सान व जानवर दोनों के लिए गंभीर चुनौती तो है ही परन्तु पर्यावरण के लिए भी किसी अभिशाप से कम नही। इसलिए इसी गंभीर समस्या के निदान के लिए हर घर से प्लास्टिक की बोतले और कैन को इक्कठा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्लास्टिक के कचरे को इधर-उधर फैंकने से बरसात के मौसम में कचरा बहकर गोविन्द सागर झील में जा रहा जिस बजह से झील के पानी में जहर फैल रहा है व पर्यावरण दूषित हो रहा है साथ ही मच्छलियां भी मर रही है। गौरतलब है कि बिलासपुर ज़िला के हज़ारों परिवार मच्छली व्यवस्याएं से जुड़े हुए है जिससे उनके रोज़गार पर भी विपरीत असर पड़ रहा है।
इसलिए प्रशासन ने निर्णय लिया है कि लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए व शहर का सौंदर्यकरण करने के लिए प्लास्टिक की बोतलों के कचरे का सदुपयोग किया जाए और अधिक-अधिक से लोगों को इस अभियान के तहत जोड़ा जाए।