सार्वजनिक एवं निजी स्थलों पर प्रचार सामग्री लगाने पर पाबंदी: पुष्पेन्द्र राजपूत

Date:

शिमला/ मुख्य निर्वाचन अधिकारी  पुष्पेन्द्र राजपूत ने कहा कि भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, किसी भी सार्वजनिक सम्पत्ति एवं सार्वजनिक परिसर की दीवारों पर लिखने, पोस्टर अथवा पेपर लगाने, किसी भी प्रकार से सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने, कटआउट, होर्डिंग, बैनर तथा झण्डे इत्यादि लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। राजपूत ने कहा कि यदि स्थानीय कानून किसी सार्वजनिक स्थान की दीवार पर नारा लेखन, पोस्टर इत्यादि लगाना अथवा कटआउट, होर्डिंग, बैनर या राजनीतिक विज्ञापन लगाने की अनुमति, भुगतान या अन्य किसी आधार पर देता है तो ऐसा न्यायालय के आदेशों एवं कानून के प्रावधानों के अनुसार किया जा सकता है। यह सुनिश्चित बनाना होगा कि ऐसा स्थान किसी विशेष दल अथवा उम्मीदवार के आधिपत्य में न रहे। इस संबंध में सभी दलों और उम्मीदवारों को बराबर अवसर प्रदान किया जाएगा। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि यदि स्थानीय कानून निजी सम्पत्ति की दीवारों पर लिखने, पोस्टर चिपकाने अथवा ऐसे कार्य की अनुमति नहीं देते जिससे सम्पत्ति खराब होती हो और जिसे हटाया न जा सके, तो इसकी अनुमति सम्पत्ति के मालिक की सहमति के बाद भी नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल, उम्मीदवार, उनके एजैंट, कार्यकर्ता और सहयोगी अपने परिसर में चुनाव चिन्ह दर्शाता एक झण्डा लगा सकते हैं। किन्तु ऐसा वे अपनी इच्छा से और किसी भी दल, संस्था और व्यक्ति के दबाव के बिना करेंगे। ऐसा करने से किसी को भी परेशानी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी निजी सम्पत्ति पर राजनीति के विज्ञापन दर्शाता कोई भी होर्डिंग, बैनर अथवा कटआउट नहीं लगाया जा सकेगा। राजपूत ने कहा कि स्थानीय कानून के अनुसार यदि उम्मीदवार अथवा राजनीतिक दल किसी निजी सम्पत्ति पर पोस्टर, बैनर, होर्डिंग इत्यादि लगाएंगे तो ऐसे में उन्हें सम्पत्ति के मालिक से लिखित में अनुमति प्राप्त कर इसकी प्रति निर्वाचन अधिकारी के पास जमा करवानी होगी। विशेष अभियान पर किया गया खर्च उम्मीदवार के चुनावी खर्च में जोड़ा जाएगा। उम्मीदवार ऐसी सूचना ग्राम/इलाका/शहर के अनुसार निर्वाचन अधिकारी अथवा प्राधिकृत अधिकारी को अनुमति मिलने के तीन के भीतर उपलब्ध करवाएंगे ताकि चुनाव से संबंधित कोई भी अधिकारी अथवा पर्यवेक्षक इसकी आसानी से जांच कर सके। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि यदि कोई राजनीतिक दल/संस्था/उम्मीदवार/व्यक्ति स्थानीय कानून अथवा उपरोक्त दिशा निर्देशों की अवहेलना कर किसी भी प्रकार की सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाता है तो निर्वाचन अधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी दोषी को नोटिस जारी कर सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने वाली वस्तुओं को हटाने के लिए कहेगा। यदि इस दिशा में उचित कार्रवाई नहीं की जाती तो अधिकारी इन पोस्टरों, बैनरों, होर्डिंग इत्यादि को स्वयं हटाएंगे और इसका खर्चा दोषी राजनीतिक दल/संस्था/उम्मीदवार/व्यक्ति से वसूला जाएगा और यह खर्च उम्मीदवार के चुनाव खर्च में शामिल किया जाएगा। दोषी के विरूद्ध कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार कोई भी व्यावसायिक वाहन किसी भी प्रकार का झण्डा अथवा स्टीकर तभी प्रयोग कर सकता है जब यह वाहन वैध रूप से चुनाव अभियान में प्रयोग में लाया जा रहा हो और इस संबंध में जिला निर्वाचन अधिकारी/निर्वाचन अधिकारी से अनुमति प्राप्त की गई हो। यह अनुमति वाहन के अगले शीशे पर दर्शानी होगी। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के लिए जिन वाहनों में बदलाव किया गया है अथवा विशेष अभियान के लिए प्रयोग में लाया जाने वाले वीडियो रथ वाहन इत्यादि का प्रयोग मोटर वाहन अधिनियम के अन्तर्गत सक्षम अधिकारियों से आवश्यक अनुमति प्राप्त कर ही किया जा सकता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

करुणामूलक भर्ती के लिए 1 माह में बनेगी नीति, आउटसोर्स कर्मियों को पक्की नौकरी का प्रावधान

आवाज़ जनादेश / न्यूज़ ब्यूरो शिमला मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह...