शिमला — इन्कम टैक्स के मामले में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उनके परिजनों को हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के विरुद्ध इन्कम टैक्स ट्रिब्यूनल द्वारा पारित किए गए आदेशों को चुनौती देने वाली अपील को हाई कोर्ट ने गुरवार को खारिज दिया। यह निर्णय कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने सुनाया। मामले में दिए गए तथ्यों के अनुसार वर्ष 2009-2010 की आयकर रिटर्न को पुनः असेस्स करने के आदेशों को मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह इन्कम टैक्स अप्पीलेट अथारिटी चंडीगढ़ के समक्ष चुनौती दी थी। इन्कम टैक्स अप्पीलेट अथारिटी चंडीगढ़ ने असेस्सिंग अथारिटी द्वारा पारित किए गए असेस्मेंट आर्डर को सही ठहराते हुए वीरभद्र सिंह की अपील को खारिज कर दिया था। प्रार्थी वीरभद्र सिंह ने इन्कम टैक्स अप्पीलेट अथारिटी द्वारा गत आठ दिसंबर को पारित किए गए निर्णय को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। प्रार्थी ने हाई कोर्ट से आग्रह किया था कि असेस्सिंग अथारिटी और अप्पीलेट अथॉरिटी द्वारा पारित किए गए निर्णय को रद्द किया जाए, क्योंकि अथारिटी का निर्णय न्यायसंगत नहीं है। इन्कम टैक्स अप्पीलेट अथारिटी चंडीगढ़ ने असेस्सिंग अथारिटी द्वारा पारित किए गए असेस्मेंट आर्डर को सही ठहराते हुए वीरभद्र सिंह की अपील को खारिज कर दिया था। अदालत को बताया गया कि प्रार्थी ने उक्त असेस्मेंट साल के दौरान कृषि से हुई आय को 15 लाख से बढ़ाकर दो करोड़ 80 लाख 92 हजार पांच सौर रुपए दर्शाया गया, जबकि इस अवधि के दौरान एलआईसी में भारी भरकम 3.84 करोड़ रुपए का निवेश दर्शाया गया। अदालत ने इन्कम टैक्स विभाग द्वारा की गई कार्यवाही को सही ठहराते हुए अपील को खारिज करने का निर्णय सुनाया।
मुख्यमंत्री की याचिका हाई कोर्ट में खारिज
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