मुख्यमंत्री सुक्खू के साथ मुकेश अग्रिहोत्री हर्षवर्धन ने नकारे आशीष शर्मा के आरोप
आवज जनादेश / न्यूज ब्यूरो शिमला
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री और उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने भाजपा के विधायक आशीष शर्मा के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि ये आरोप सरासर गलत हैं और केवल राजनीतिक मंशा से प्रेरित हैं। वहीं, मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि भाजपा विधायक ने उन पर जो आरोप लगाए हैं, उसमें कोई सच्चाई नहीं है। यह मामला सोमवार को आर्थिक स्थिति पर हुई चर्चा में सामने आया था, मगर विधायक द्वारा लगाए गए आरोप तथ्यों पर आधारित नहीं होने के चलते विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें कार्यवाही से हटा दिया।
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि पिछले साल भारी बरसात की वजह से ब्यास नदी के तटों पर बड़ा नुकसान हुआ था और इस कारण सरकार ने वहां पर मौजूद क्रशरों का बंद कर दिया गया था। केवल उन्हीें क्रशरों से रेत-बजरी बेचने की इजाजत थी, जिनके पास पहले से मैटिरियल पड़ा हुआ था। उन्होंने कहा कि इस आरोप में बिलकुल भी सच्चाई नहीं है कि केवल एक ही क्रशर को चलाने की अनुमति दी गई है। इसलिए जो भी आरोप विपक्ष के विधायक ने लगाए हैं उनमें कोई तथ्य नहीं है। केवल राजनीतिक मंशा से ये आरोप लगाए गए हैं।
विभाग को जमीन नहीं चाहिए, तो वापस कर दें
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि जलशक्ति विभाग को यदि उनकी जमीन नहीं चाहिए, तो वह वापस कर सकता है। इस जमीन पर परकुलेशन वैल 2022 में बन गया था और यह जमीन उनकी मुश्तरका जमीन है। उन्होंने कहा कि जहां तक हमीरपुर कांगड़ा में माइनिंग की बात है, तो ईडी उसकी जांच कर रही है, उसे करने दो। उन्होंने अध्यक्ष से आरोपों को कार्यवाही से हटाने की मांग की और कहा कि इसमें कोई भी तथ्य नहीं है।
पिछली सरकार में ली गई थी सीएम की जमीन
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि नादौन में जलशक्ति विभाग द्वारा पूर्व सरकार के समय ‘हर घर नल से जल’ योजना के तहत काम किया जाना था और सीएम के परिवार की जमीन नदी के किनारे थी। विभाग ने सरकारी जमीन समझकर उस पर काम कर दिया, लेकिन बाद में नादौन कोर्ट से विभाग को नोटिस आया कि जमीन का मालिकाना हक किसी और का है। तब निर्णय लिया गया कि मालिकाना हक रखने वालों से बात की जाए और उनके साथ नेगोसिएशन हो। इसलिए साफ है कि इसमें किसी भी तरह का दवाब नहीं था, क्योंकि जो कुछ भी हुआ वह पूर्व सरकार के समय में हुआ है।
गरली से ऊना शिफ्ट नहीं होगा सहकारी प्रशिक्षण संस्थान
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा है कि गरली से सहकारी प्रशिक्षण संस्थान स्थानांतरित नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार की ऐसी कोई मंशा नहीं है और तीसरा नया संस्थान ऊना के पंजावर में स्थापित होगा, जो कि मियां हीरा सिंह के नाम पर होगा। सदन में भाजपा विधायक बिक्रम सिंह द्वारा ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत उठाए गए मामले पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि देश में सहकारी आंदोलन की शुरुआत हिमाचल से हुई है, मगर इस पर कई दूसरे राज्य आपत्ति जता रहे हैं। इस पर हिमाचल अपनी दावेदारी पेश करेगा, क्योंकि वर्ष 1892 में 133 साल पहले मियां हीरा सिंह ने ही इसकी शुरुआत की थी। उन्होंने कहा कि पंजावर क्षेत्र में प्रदेश की तीसरा सहकारी प्रशिक्षण संस्थान शुरू किया जाएगा। इस तरह से राज्य में तीन संस्थान होंगे, जिसमें एक गरली में रहेगा, जो कि वर्ष 1981 से चल रहा है। वहीं, दूसरा संस्थान शिमला के मशोबरा में चल रहा है।