कर्नाटक सरकार ने सिनेमा और सांस्कृतिक कलाकारों को समर्थन देने के लिए फिल्म की टिकटों और ओवर-द-टॉप (ओटीटी) सब्सक्रिप्शन पर सेस लागू करने का फैसला लिया है।
आवाज जनादेश
अब मूवी टिकट और ओवर-द-टॉप (ओटीटी) सब्सक्रिप्शन महंगे हो जाएंगे। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार इन दोनों पर सेस लगाने जा रही है। राज्य सरकार ने कलाकारों की भलाई के लिए दो प्रतिशत सेस लगाने का फैसला लिया है। इसके लिए विधानसभा में सिनेमा और सांस्कृतिक कार्यकर्ता (कल्याण) विधेयक 2024 पेश किया गया, जिसे मंगलवार को सर्वसम्मति से पास किया गया।
श्रम मंत्री संतोष एस लाड ने मंगलवार को सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा कि कर्नाटक सिनेमा और सांस्कृतिक कार्यकर्ता (कल्याण) विधेयक विधानसभा में सर्वसम्मति से पास किया गया है। उन्होंने आगे कहा, ‘विधेयक विधानसभा में पेश किया गया। इस दौरान सदन के अनेक सदस्यों ने विधेयक के बारे में सुझाव और निर्देश देकर अपनी सराहना व्यक्त की। बाद में विधेयक को विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया।’
इन लोगों का जताया आभार
लाड ने मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और सभी सदस्यों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, ‘मैं मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, विधानसभा के माननीय अध्यक्ष, कैबिनेट सहयोगियों और सभी सदस्यों का आभारी हूं जिन्होंने कन्नड़ देवी के सेवकों को इस तरह की अनूठी सेवा प्रदान करने के लिए अपनी सहमति दी।’
हाल ही में पेश किया गया था प्रस्ताव
बताया जा रहा है कि सिनेमा और सांस्कृतिक कलाकारों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। कर्नाटक सरकार ने फिल्म और सांस्कृतिक कलाकारों का समर्थन करने के लिए सिनेमा टिकटों और ओटीटी सब्सक्रिप्शन पर राज्य में एक या दो प्रतिशत सेस लगाने का प्रस्ताव रखा था। कहा गया था कि प्रस्ताव मंजूर होने के बाद सरकार फैसला करेगी कि कितना सेस लगाना है? वहीं हर तीन साल में सेस को घटाने या बढ़ाने का प्रावधान भी प्रस्ताव में किया गया था। अब इस विधेयक को मंजूरी मिल गई है। इस मंजूरी के साथ ही फिल्मों की टिकट और ओवर-द-टॉप (ओटीटी) सब्सक्रिप्शन महंगे हो जाएंगे।
यह शुल्क सिने कलाकारों और सांस्कृतिक कलाकारों के लिए ईएसआई और पीएफ जैसे सामाजिक सुरक्षा लाभों को निधि देगा। विधेयक में कलाकारों के लिए सात सदस्यीय कल्याण बोर्ड के निर्माण की रूपरेखा तैयार की गई है, जिसे सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का समर्थन करने के लिए सेस से धन का प्रबंधन करने का काम सौंपा गया है। कर्नाटक फिल्म वर्कर्स आर्टिस्ट एंड टेक्नीशियन यूनियन का अनुमान है कि कलाकारों और तकनीशियनों सहित लगभग 2,355 कर्मचारी उद्योग में काम कर रहे हैं। हालांकि, कई छोटे कलाकार और तकनीशियन राज्य के किसी भी संगठन के साथ पंजीकृत नहीं हैं।