सस्ता पेयजल मिलने की आस संजोए बैठे सोलनवासियों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। सस्ता पेयजल की फाइल अभी तक प्रदेश सरकार तक नहीं पहुंची है, जिससे यह घोषणा अब लटकती हुई दिखाई दे रही है। जब सोलनवासियों ने शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज से इस बारे में समाधान मांगा तो उन्होंने किसी तरह का प्रोपोजल न होने की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ दिया। साथ ही कांग्रेस को भी नसीहत दे डाली कि वादा उन्होंने किया है तो वह ही वादा पूरा करें। गौर रहे कि निगम चुनावों के समय कांग्रेस ने कई मंचों से यह घोषणा की थी कि यदि निगम पर उनका कब्जा होता है तो वह सोलनवासियों का पेयजल का मात्र 100 रुपए प्रतिमाह का बिल ही देंगे। चुनाव जीतने के बाद और निगम की सत्ता काबिज होने के बाद बीते सितंबर माह में आयोजित बैठक में प्रस्ताव रखा गया था कि दो अक्तूबर से स्लैब के अनुसार हर माह 100 रुपए में साढ़े 12 हजार लीटर तक पानी दिया जाएगा।
पिछले माह आयोजित निगम की विशेष बैठक में इस बारे प्रस्ताव बनाकर प्रदेश सरकार को भेजे जाने का निर्णय लिया गया था। ऐसा कर निगम ने इस योजना को लागू करने के लिए सरकार के पाले में गेंद डाल दी थी, लेकिन शहरी विकास मंत्री ने शुक्रवार को फाइल न मिलने की बात कहकर इस मुद्दे को और हवा दे दी है। अब हालात यह हैं कि सस्ते पेयजल को लेकर भाजपा व कांग्रेस आमने-सामने आ गई है। इस बीच निगम ने शहरवासियों को भारी भरकम बिल थमाने शुरू कर दिए हैं, जिससे शहरवासी सकते में हैं। वहीं, अब जब प्रदेश के मंत्री ने फाइल न मिलने की बात कही है तो शहरवासी अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं और उनकी उम्मीदों पर भी पानी फिर गया है। मंत्री ने यहां तक भी कह दिया कि नए क्षेत्रों को टीसीपी के दायरे में लाने की फिलहाल कोई योजना नहीं है।
लोगों का दर्द नहीं समझ रही सरकार
नगर निगम सोलन की मेयर पूनम ग्रोवर ने कहा कि निगम ने प्रदेश सरकार को सितंबर माह में ही यह प्रस्ताव भेज दिया था। सरकार से मंजूरी मिलने के बाद इसे लागू किया जाएगा। मंत्री के बयान पर उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार सोलनवासियों को राहत नहीं देना चाह रही है।