शूलिनी यूनिवर्सिटी के छात्रों ने खोज डाली एक और जड़ीबूटी

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वन्य अजवाइन के कई ओषधीय गुण
आवाज़ जनादेश/ शिमला
दीक्षा सलारिया और राजन रोल्टा का कहना की आजकल की बैक्टेरिया और फंगस के लिए इस्तेमाल होनी वाली दवाइयों के खिलाप प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाने से ख़तरनाक स्थिति पैदा हो रही हैं। यदि बैक्टेरिया फंगस से होने वाली बीमारियों के लिए अधिक प्रभावकारी दवाओं के ख़िलाफ़ प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाए तो इसे ‘मल्टी-ड्रग रेसिस्टेंट’ कहते हैं। यह मल्टी ड्रग रेजिस्टेंस दिन प्रती दिन बड़ी ही जा रहा है। सलरिया, रोल्टा, डॉ विकास ने अपने शोध में पाया की वन अजवाइन ने पाया जाने वाला एसेंशियल ऑयल और इसमें पाया जाने वाला कंपाउंड थायमोल मल्टीपल ड्रग रेसिस्टेंट बैक्टेरिया को मारने में कारगर हैं।
साथ ही साथ उनका कहना है की वन अजवाइन एंटीबायोटिक्स के साथ मिल कर एंटीबायोटिक्स की क्षमता को 32से64 गुना बड़ाता है। साथ ही साथ एंटीबायोटिक्स के डोज को भी कम करता है।
सलारिया और रोल्टा का यह शोधप्त्र Journal of Biomolecular structure and dynamics m प्रकाशित हुआ है। शूलिनी विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने लोगो को एंटीबायोटिक्स को बिना डॉक्टर के प्रमर्श से लेने से मना किया है।
उनका कहना है की हमें ज्यादा से ज्यादा मात्रा में औषधीय पौधों को उगाना चाहिए और उनका सेवन करना चाहिए।

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