भूपेंद्र गुप्ता के समर्थन में उतरा एचजीटीयू कहा किसी की ईमानदार छवि को खराब करने का षड्यंत्र

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आवाज़ जनादेश/शिमला
एचजीटीयू ने एक प्रेस बयान जारी कर कहा है कि
भूपेंद्र गुप्ता प्रधानाचार्य वर्ष 2018-19 में प्रतिनियुक्ति के दौरान सचिवालय में कार्यरत रहे जिस दौरान उन्होंने विभाग में तदर्थ आधार पर कार्य कर रहे वर्ष 2008 के पश्चात के प्रधानाचार्यों को नियमित करने बारे विशेष भूमिका अदा की तथा दिन-रात ईमानदारी एवं कर्मठता के साथ कार्य किया । परंतु एक रमेश चंद गांव व डाकखाना जडोल, तहसील थुनाग जिला मंडी हिमाचल प्रदेश में प्रधान सचिव शिक्षा हिमाचल प्रदेश को 13-2-2020 को एक शिकायत पत्र सौंपा जिसमें यह आरोप लगाया गया कि भूपेंद्र गुप्ता ने प्रधानाचार्यों को नियमित करने एवं मन वांछित स्टेशन प्रदान करने के एवज में धनराशि की मांग की और यह कहा कि पैसा इकट्ठा करके मुझे सचिवालय के अधिकारियों को खुश रखना है और उन्हें भी यह पैसा देना है । यह संघ भूपेंद्र गुप्ता पर इस प्रकार के तथ्य विहीन संगीन आरोपों का खंडन करता है क्योंकि श
भूपेंद्र गुप्ता राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय पुरस्कार से पुरस्कृत कर्मठ प्रधानाचार्य हैं तथा यह संगठन इनकी कार्य शैली एवं ईमानदारी से भलीभांति परिचित है । ऐसा प्रतीत होता है कि यह आरोप मन घड़ंत है और उनकी छवि को धूमिल करने का षड्यंत्र है ।
एचजीटीयू के यह बात भी ध्यान में आई है कि श्री भूपेंद्र गुप्ता प्रधानाचार्य जो कि वर्तमान में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला चंडी में कार्यरत हैं, पर जिस समय यह राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय भूमती जिला सोलन में प्रधानाचार्य पद पर तैनात थे उस समय उसी स्कूल में कार्यरत एक महिला प्रवक्ता सरोज कुमारी जो कि पीजीटी इतिहास पीटीए कांटेक्ट पर कार्यरत थी, ने जनवरी 2018 में सेक्सुअल हरासमेंट का बेबुनियाद एवं झूठा आरोप लगाया था । यह आरोप उन्होंने इस कारण लगाया था क्योंकि प्रधानाचार्य ने उनके दुर्व्यवहार के कारण एनएसएस का चार्ज उनसे लेकर किसी अन्य महिला को सौंपने के आदेश जारी किए थे । उसने यह शिकायत विभागीय अधिकारियों को करने के साथ ही महिला आयोग को भी प्रेषित की थी । महिला आयोग ने इस शिकायत की जांच अपने स्तर पर एस डी एम की से करवाई और यह शिकायत झूठी पाई गई । इसके साथ ही विभाग द्वारा विभिन्न अधिकारियों से जांच करवाई गई और यह शिकायत झूठी पाई गई । सरोज कुमारी ने एक और शिकायत महिला आयोग के माध्यम से पुलिस थाना छोटा शिमला में दर्ज करवाई परंतु पुलिस छानबीन पर यह शिकायत झूठी पाई गई । इन सारे तथ्यों से विभाग को अवगत करवाया गया परंतु विभाग द्वारा स्पष्ट निर्णय न ले पाने के कारण तथा विभिन्न जांच एजेंसियों से जांच अपने विरुद्ध जाने पर क्षुब्ध हो कर कुछ नए तथ्यों को जो पहले विभिन्न स्थानों पर की गई शिकायत में वर्णित नहीं थे, को मूल शिकायत में जोड़ कर उक्त महिला ने 4 महीने के पश्चात पुलिस थाना अर्की में 2 मई 2018 को एक झूठी और काफी विलंब से एफ आई आर नंबर 45 दर्ज करवाई जिसका निर्णय अर्की न्यायालय से अभी होना बाकी है ।
इस सारी जांच प्रक्रिया के दौरान शिक्षा निदेशालय द्वारा इस महिला प्रवक्ता का नाम एन एस एस इंदिरा गांधी अवार्ड के लिए रिकमेंड कर दिया गया जिसे सचिव शिक्षा के हस्तक्षेप के पश्चात वापस लिया गया और डॉ0 सोनिया ठाकुर संयुक्त शिक्षा निदेशक प्रशासनिक द्वारा जांच करने पर उक्त महिला शिक्षिका झूठे आरोप लगाने की दोषी पाई गई और निदेशालय में कार्यरत सुशील पुंडीर तत्कालीन संयुक्त निदेशक दिलीप ठाकुर राज्य समन्वयक एनएसएस और विजय गुप्ता तत्कालीन प्रधानाचार्य राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भूमती सरोज कुमारी के पक्ष में षड्यंत्र में शामिल पाए गए । शिक्षा निदेशालय से जांच रिपोर्ट अप्रैल 2019 को सरकार को सौंप दी गई थी परंतु विभाग द्वारा इतना समय बीत जाने पर भी दोषियों के विरुद्ध किसी भी प्रकार की कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई जो कि एक गंभीर विषय है । जांच रिपोर्ट के आधार पर सरकार द्वारा श्रीमती विजय गुप्ता को प्रधानाचार्य भूमती से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मांजू स्थानांतरित किया गया जबकि श्री सुशील पुंडीर सरकारी सेवा से सेवानिवृत्त हो चुके हैं परंतु श्री दिलीप ठाकुर प्रधानाचार्य एवं शिक्षा निदेशालय में अभी तक भी अपने उसी राज्य समन्वयक पद पर बने हुए हैं और आज तक भी वहां से स्थानांतरित नहीं किए गए और संभवतया वे जांच रिकॉर्ड से छेड़छाड़ भी कर रहे होंगे और अपने बचाव के प्रबंध में संलिप्त हैं ।
उपरोक्त के संदर्भ में यह भी अवगत कराया जाता है कि दिनांक 22-10- 2019 को सरकार ने निदेशक उच्चतर शिक्षा को जांच रिपोर्ट प्राप्त करने के उपरांत यह स्पष्ट निर्देश जारी किए थे कि जांच रिपोर्ट के अनुसार सरोज कुमारी पीजीटी इतिहास पीटी एवं कांटेक्ट प्रधानाचार्य श्री भूपेंद्र गुप्ता के खिलाफ झूठे आरोप लगाने की दोषी पाई गई है तथा सरकार को बताया जाए कि दोषी पाई गई कि श्रीमती सरोज कुमारी के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है और उसके विरुद्ध शीघ्र अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के निर्देश दिए । परंतु निदेशक उच्चतर शिक्षा ने कार्रवाई करने के बजाय उपरोक्त शिक्षिका को उसके वर्तमान स्कूल राजकीय उच्चतर माध्यमिक पाठशाला सेरी कोठी जिला मंडी में एक एनएसएस का यूनिट देकर प्रोग्राम अधिकारी बना दिया गया और एनएसएस आरडी कैंप 2020 में शिमला में प्रतिनियुक्त कर दिया गया जो कि सरकार के आदेशों की अवहेलना है ।
उपरोक्त भूपेंद्र गुप्ता के भूमती कार्यकाल के दौरान की आदेश पुस्तिका की प्रति आरटीआई एक्ट के अंतर्गत श्री बाबूराम पुत्र श्री लखूराम ग्राम पंजगांईं तहसील सदर जिला बिलासपुर मोबाइल नंबर 78074 16509 ने प्राप्त की और एक अन्य श्री संजय कुमार पुत्र निक्कू राम गांव भूमती पिन कोड 171238 जो कि गलत है, ने विभाग को यह शिकायत ई समाधान के माध्यम से की कि श्री भूपेंद्र गुप्ता ने अपने भूमती कार्यकाल के दौरान आदेश पुस्तिका में छेड़छाड़ की है जिसकी जांच उच्च शिक्षा उप निदेशक सोलन द्वारा करवाने पर यह आरोप भी निराधार पाया गया अर्थात आदेश पुस्तिका किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं पाई गई है ।
इस संगठन के यह भी ध्यान में आया है कि वर्तमान में पीटीए कंटैक्ट पर कार्यरत प्रवक्ताओं को नियमित करने की प्रक्रिया चल रही है और निदेशालय में कार्यरत उपरोक्त अधिकारी यह प्रयास कर रहे हैं कि श्रीमती सरोज कुमारी पीटीए कंटैक्ट को भी नियमित किया जाए । परंतु यह संगठन या मांग करता है कि जब तक अर्की कोर्ट में जांच प्रक्रिया चल रही है तब तक किसी भी प्रकार से उपरोक्त शिक्षिका की सेवाएं नियमित न की जाएं क्योंकि उपरोक्त पीटीए अध्यापिका को तो ऐसा निराधार गंभीर आरोप लगाने और जांच में दोषी पाए जाने पर विभाग द्वारा उन्हें निष्कासित करना चाहिए । जब सभी जांच एजेंसियों से भूपेंद्र गुप्ता को क्लीन चिट मिल चुका है तो बिना विलंब के श्रीमती सरोज कुमारी पीजीटी इतिहास पीटीए कॉन्टैक्ट जो शिक्षा निदेशक के नियंत्रण में आती हैं तथा समस्त अन्य दोषी अधिकारियों, जो शिक्षा सचिव के नियंत्रण में आते हैं, के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाए । अन्यथा यह संगठन शीघ्र कार्यवाही अमल में न लाने पर संघर्ष का रास्ता अपनायेगा और जिसकी जिम्मेवारी विभाग और सरकार की होगी । प्रबंधिकरण और राजनीतिकरण छोड़ न्यायिक दृष्टि अपना कर दोषियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही अमल में लाई जाए । सचिव शिक्षा द्वारा दोषी अधिकारियों को जारी किए गए कारण बताओ नोटिस के जवाब आने पर शिक्षा निदेशक से कमेंट मांगे गए जिसकी पालना में 24 मई 2020 को शिक्षा निदेशक द्वारा प्रधान सचिव शिक्षा को लिखे पत्र में इन उपरोक्त अधिकारियों के प्रति लिनियंट व्यू अपनाने की सिफारिश सरकार को भेजना अति गंभीर विषय है और ऐसे गंभीर मामले में शिक्षा निदेशक की सरकार को उपरोक्त दोषी अधिकारियों के प्रति लिनियंट व्यू लेने की सिफारिश अत्यंत खेदजनक है । हिमाचल प्रदेश राज्य शिक्षक संघ विभाग और सरकार से श्री रमेश चंद गांव व डाकघर जडोल तहसील थुगनाग जिला मंडी हिमाचल प्रदेश पर श्री भूपेंद्र गुप्ता पर प्रधानाचार्यों को नियमित करने एवं मनवांछित स्टेशन प्रदान करने की एवज में धनराशि की मांग के झूठे आरोप लगाने के जुर्म पर अनुशासनात्मक कार्यवाही करने व पुलिस में विभाग द्वारा प्राथमिकी दर्ज करवाने की मांग करता है ।

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