आवाज़ जनादेश अंबाला
अगस्त 2019 से हरियाणा में एक्स ग्रेशिया नीति को लागू की गई जिसके तहत नोकरी के दौरान मृतक या लापता हुए कर्मचारियों के आश्रितों को इस पॉलिसी के तहत लाभ दिया जाएगा। इस पॉलिसी की कमी को उजागर करते हुए इनैलो प्रदेश प्रवक्ता ओंकार सिंह ने कहाकि जो आश्रित परिवार 2004 से इस योजना के लाभ से इसलिए वंचित थे कि अन्य विकल्प उपलब्ध ही नही था और उन्होंने एकमुश्त राशि या पूर्ण वेतन प्राप्त करने का एकमात्र विकल्प स्वीकार किया था उन्हें भी नई पॉलिसी के तहत आश्रित के लिए नोकरी या एकमुश्त राशि मे से एक विकल्प स्वीकार करने का अधिकार मिलना चाहिए। यदि कोई 2004 का आश्रित परिवार इस नीति में अब आश्रित की नोकरी का विकल्प स्वीकार करता है तो सरकार उससे अतरिक्त प्राप्त धनराशि वापिस ले सकती है। वर्तमान पालिसी के तहत सेवा के दौरान अगर किसी कर्मचारी का निधन होता है या कर्मचारी लापता हो जाता तो आश्रितों को नौकरी या वित्तीय सहायता दोनों में से एक लाभ लेने की छूट रहेगी। बशर्तें कि मृतक और लापता हुआ कर्मचारियों के आश्रितों को इसका लाभ तभी मिलेगा जब संबंधित कर्मचारी कम से कम 5 साल की सरकारी नौकरी कर चुका होगा हो और मृतक या लापता कर्मचारी की उम्र 52 साल से कम हो। इस नीति के तहत यदि आश्रित को नोकरी का विकल्प चुना जाता है तो मृतक या लापता कर्मचारी के जीवनसाथी को पेंशन मिलेगी। सरकार को पुनर्विचार करके नीति में उन वंचित लोगो के लिए भी प्रावधान करना चाहिए जो पूर्व नीति में विकल्प न होने के कारण अपने आश्रित को सरकारी नोकरी में भर्ती कराने का विकल्प स्वीकार नही कर पाए थे ताकि लोकहितकारी सरकार का उद्देश्य पूरा हो सके और जनता को न्याय मिल सके।
वंचितों आश्रितों को भी एक्स ग्रेशिया नीति 2019 में लाभ मिले:-ओंकार सिंह
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