हिमाचल में दो घंटे बढ़ी ढील अब सात घंटे खुले रहेंगे बाजार

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जयराम कैबिनेट का फैसला, उपायुक्त तय करेंग समय कफ्र्यू में छूट के दौरान बिना पास कर सकेंगे आवाजाही रोजगार बढ़ाने वाकनाघाट में खुलेगा विशेष प्रशिक्षण केंद्र

शिमला-हिमाचल सरकार ने प्रदेश के लोगों को कर्फ्यू से राहत देते हुए अब सात घंटे की ढील देने का फैसला लिया है। इससे पहले पांच घंटे की ढील दी गई थी। इसे बढ़ाकर सात घंटे करते हुए कैबिनेट ने इसका शेड्यूल तय करने का निर्णय संबंधित उपायुक्तों पर छोड़ दिया है। इस फैसले के बाद अब हिमाचल प्रदेश में सुबह डेढ़ से दो घंटे मॉर्निंग वॉक के अलावा लगातार सात घंटे तक कर्फ्यू में छूट रहेगी। इसके अलावा दुकानों के खोलने के प्रारूप को लेकर भी सभी उपायुक्तों को छूट दी गई है। जिला के डीसी अपने स्तर पर निर्धारित करेंगे कि सात घंटे तक सभी दुकानों को एक साथ खोलने की छूट दी जाए या अल्टरनेट डे पर। बहरहाल सात घंटे की समयावधि के बीच बिना कर्फ्यू पास के आवाजाही हो सकेगी। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि इस समयावधि के बीच एक-दूसरे जिला में आवाजाही पर छूट रहेगी या नहीं। इसके अलावा मंत्रिमंडल बैठक में प्रदेश में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने और रोजगार की संभावनाओं को सृजित करने के लिए मंत्रिमंडल ने जिला सोलन के वाकनाघाट में एडीबी (एशियन डिवेल्पमेंट बैंक) कार्यक्रम के अंतर्गत पर्यटन, आतिथ्य क्षेत्रों सहित सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में उच्च स्तरीय प्रशिक्षण के लिए है। कोरोना संक्रमण से रोजगार खोने वाले कमजोर वर्ग के उत्थान के लिए कैबिनेट में गहन मंथन हुआ। इसके चलते यह चर्चा की गई कि सहकारी बैंकों को इन वर्ग के लिए लोगों के लिए सस्ती दरों पर लोन दिया जाए। इसके लिए सहकारी विभाग को प्रस्ताव भेजने को कहा गया है। इसके अलावा आर्थिक गतिविधियों और आय के स्रोतों को बढ़ाने के लिए भी कैबिनेट में विस्तार से चर्चा हुई। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में कोविड-19 आर्थिक पुनरुत्थान (इकॉनोमिक रिवाइवल) के लिए गठित मंत्रिमंडल उप समिति ने विकासात्मक कार्यों में तेजी लाने, विभिन्न क्षेत्रों में संसाधनों को जुटाने और विभिन्न क्षेत्रों के सहयोग के लिए अपनी सिफारिशों के बारे में मंत्रिमंडल के समक्ष प्रस्तुति दी। उपसमिति ने यह भी सिफारिश की बाहरी राज्यों से वापिस आए हिमाचलियों से उनके कौशल योग्यता की जानकारी ली जाए और इसे राज्य के श्रम एवं रोजगार और उद्योग विभाग के साथ साझा किया जाए ताकि उनकी योग्यता को उपलब्ध क्षेत्रों में इस्तेमाल किया जा सके। मंत्रिमंडल ने आगामी कृषि और बागबानी फसलों की कटाई के दृष्टिगत उपाय भी सुझाए। मंत्रिमंडल उप समिति ने खनन कार्यों के कारण राजस्व क्षति को कम करने और फोरेस्ट क्लीयरेंस में तेजी लाने की सिफारिश भी की। शहरी स्थानीय निकाय में प्रत्येक घर में 120 दिन का अकुशल रोजगार गारंटी प्रदान करने के उद्देश्य से शहरी क्षेत्रों में आजीविका सुरक्षा बढ़ाने और मजदूरी का कार्य करने वालों को कौशल श्रम प्रदान कर स्वयं का उद्यम स्थापित कर सबसिडी से जुड़ी क्रेडिट और एंटरप्रेन्योरशिप प्रशिक्षण के लिए मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गांरटी योजना को सहमति प्रदान की। इससे शहरी अधोसंरचना को मजबूत करने और शहरी स्थानीय निकायों में गुणवत्तापूर्ण नागरिक सुविधाओं को प्रदान करने में सहायता मिलेगी। इस महत्त्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत 25.20 करोड़ रुपए व्यय होने का अनुमान है।

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