रेडक्रॉस को संकट के दौरान प्रभावी भूमिका निभानी चाहिए-अजय श्रीवास्तव

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आवाज़ जनादेश /शिमला
हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव ने मांग की है कि प्रदेश रेडक्रॉस के कार्यों की समीक्षा की जाए ताकि उसमें सुधार हो सके। उन्होंने कहा कि रेडक्रॉस को संकट के दौरान प्रभावी भूमिका निभानी चाहिए।
राज्यपाल ने इस बारे में उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया और कहा कि सभी कुलपतियों को पत्र लिखकर वे उनसे युवाओं को रेडक्रॉस के साथ जोड़ने का अनुरोध करेंगे। उन्होंने उमंग फाउंडेशन के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि संकट के समय बिना किसी भेदभाव के जरूरतमंदों को हर प्रकार की सहायता पहुंचाना ही धर्म है।
राज्यपाल के साथ आज राजभवन में एक बैठक में अजय श्रीवास्तव ने कहा कि राज्य के ब्लड बैंकों में कोरोना संकट के दौरान रक्त का गंभीर संकट हो गया है। इस बारे में उन्होंने 27 मार्च को राज्यपाल को पत्र लिखकर रेड क्रॉस के माध्यम से रक्तदान शिविर आयोजित करने की अपील की थी। पिछ्ले एक महीने के दौरान शिमला या अन्य जिलों में रेडक्रॉस ने रक्तदान शिविर लगाने के लिए कोई पहल नहीं की। जबकि आईजीएमसी शिमला और टांडा मेडिकल कॉलेज रक्त की कमी से सबसे ज्यादा प्रभावित रहे हैं।

उन्होंने राज्यपाल को बताया शिमला जिले में रेडक्रॉस की गतिविधियां बिल्कुल ठप पड़ी है। यहां रेडक्रॉस ने न तो रक्तदान के क्षेत्र में कोई पहल की और न ही मजदूरों व गरीबों को राशन पहुंचाने में कोई दिलचस्पी दिखाई। जबकि दूसरी ओर उमंग फाउंडेशन समेत अनेक स्वयंसेवी संगठन दिन रात दिहाड़ीदार मजदूरों को राशन एवं अन्य आवश्यक सामग्री पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं।
अजय श्रीवास्तव ने बताया कि राज्यपाल ने आश्वासन दिया की इस बारे में वह आवश्यक कदम उठाएंगे। राज्यपाल ने यह भी कहा कि सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के माध्यम से वे युवा विद्यार्थियों को रेड क्रॉस आंदोलन के साथ जोड़ने का प्रयास करेंगे।
अजय श्रीवास्तव ने बंडारू दत्तात्रेय को उमंग फाउंडेशन की गतिविधियों और कोरोना संकट के दौरान चलाए जा रहे राहत कार्यों तथा रक्तदान शिविरों के आयोजन के बारे में जानकारी दें। उन्होंने बताया की उनकी संस्था दिहाड़ीदार प्रवासी मजदूरों को राशन एवं अन्य राहत सामग्री देने के काम में पिछले एक महीने से जुटी है। इसमें राशन के अलावा महिलाओं को सेनेटरी नैपकिन बच्चों को चॉकलेट भी शामिल है। इसके अलावा दो रक्तदान शिविर भी लगाए गए हैं। उन्होंने राज्यपाल को बताया कि कई अन्य स्वयंसेवी संस्थाएं शिमला जिले में दिहाड़ीदार मजदूरों के लिए भोजन पैकेट और राशन देने का काम बड़ी मेहनत से कर रही हैं।

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